जिसे जेंकेट कहा जाता है उसमे मुस्लिम पत्रकारों को ज्यादा से ज्यादा संख्या मे शामिल किया जाये |
प्रधानमंत्री कार्यालय ने सलमान खुर्शीद के इस सुझाव पर तुरंत अमल करने का फैसला किया और आने वाले हप्ते मे प्रधानमंत्री ने जी २० बैठक मे रियो डी जेनेरियो जाने वाले जेंकेट मे कुल ७८ पत्रकारों मे से कुल ३८ मुस्लिम पत्रकार चुने गए है |
हैरानी की बात ये है की ३ पत्रकार एक ही घर से है .. टीम अन्ना की सदस्य शाजिया इल्मी और उनके दो भाइयो को भी इस जेंकेट मे शामिल किया गया है |
मित्रों, क्या इस देश मे अब धर्म निरपेक्षता की नई परिभाषा गढ़ी जायेगी ? अगर कोई मुस्लिम मुसलमानों के लिए आवाज उठाये तो उसे धर्म निरपेक्ष माना जायेगा और अगर कोई हिंदू हिंदुत्व की बात करेगा तो उसे साम्प्रदायिक माना जाएगा ?
आखिर इस देश मे इस मामले मे मीडिया और कांग्रेस इतना दोगला रवैया क्यों अपना रहे है ?
मित्रों, कहावत है की जब अपना ही सिक्का खोटा हो तो फिर दूसरों को दोष नही देना चाहिए | मै इस मामले मे कांग्रेस, मीडिया या सलमान खुर्शीद के बजाय हिन्दुओ को हो दोषी मानता हूँ |
इतने अपमान और इतने लात खाने के बाद भी आजतक हिंदू वोट बैंक नही बना .. सोचिये मुस्लिम आरक्षण के लिए क़ानूनी खर्च मे ही सलमान खुर्शीद ने करीब दो करोड रूपये अपने मंत्रालय से दिये .. फिर हाईकोर्ट ने हारने के बाद केन्द्र सरकार सुप्रीम कोर्ट मे गयी |
एक तरफ मुसलमानों को सरकारी पैसे से हज करवाया जा रहा है और वहीँ दूसरी तरफ हिन्दुओ को अपने पैसे से भी अमरनाथ यात्रा पर जाने मे कई परेशानिय खड़ी की जा रही है | हर साल कांग्रेस एक सोची समझी साजिश के तहत अमरनाथ यात्रा के दिनों मे १० दिन की कटौती करती जा रही है और आने वाले पांच साल मे बाद कांग्रेस अमरनाथ यात्रा को बंद कर देगी |
सोचिये, जब एक मुस्लिम मंत्री सलमान खुर्शोद खुलेआम इस देश के सम्विधान और चुनाव आयोग को चुनौती देते हुए कहता है की मै मुसलमानों को आरक्षण देकर रहूँगा जिसको जो करना है वो कर ले | तब उसे मीडिया साम्प्रदायिक क्यों नही कहती ?
अगर यही बयान कोई हिंदू हिन्दुओ के लिए देता तो अब तक उसके खिलाफ बीस पचीस केस दर्ज करके जेल मे डाल दिया गया होता और उसे साम्प्रदायिक घोषित कर दिया जाता |
अगर भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है तो भारत का प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह क्यों कहता है की इस देश के सभी संशाधनों पर पहला हक मुसलमानों का है ? अगर ये बयान नरेंद्र मोदी हिन्दुओ के लिए देते तो अब तक गुजरात सरकार बर्खास्त हो चुकी होती . और मोदी के खिलाफ पूरे देश मे हजारों केस दर्ज हो चुके होते |
आखिर कब तक इस देश मे धर्मनिरपेक्षता की दोगली परिभाषा रचती जाती रहेगी ?
मित्रों, कानून मंत्री सलमान खुर्शीद ने प्रधानमंत्री के मीडिया सलाहकार एनडीटीवी के पूर्व सम्पादक पंकज पचौरी को पत्र लिखा कि प्रधानमंत्री के विदेश दौरे के लिए जाने वाले पत्रकारों जिसे जेंकेट कहा जाता है उसमे मुस्लिम पत्रकारों को ज्यादा से ज्यादा संख्या मे शामिल किया जाये |
प्रधानमंत्री कार्यालय ने सलमान खुर्शीद के इस सुझाव पर तुरंत अमल करने का फैसला किया और आने वाले हप्ते मे प्रधानमंत्री ने जी २० बैठक मे रियो डी जेनेरियो जाने वाले जेंकेट मे कुल ७८ पत्रकारों मे से कुल ३८ मुस्लिम पत्रकार चुने गए है |
हैरानी की बात ये है की ३ पत्रकार एक ही घर से है .. टीम अन्ना की सदस्य शाजिया इल्मी और उनके दो भाइयो को भी इस जेंकेट मे शामिल किया गया है |
मित्रों, क्या इस देश मे अब धर्म निरपेक्षता की नई परिभाषा गढ़ी जायेगी ? अगर कोई मुस्लिम मुसलमानों के लिए आवाज उठाये तो उसे धर्म निरपेक्ष माना जायेगा और अगर कोई हिंदू हिंदुत्व की बात करेगा तो उसे साम्प्रदायिक माना जाएगा ?
आखिर इस देश मे इस मामले मे मीडिया और कांग्रेस इतना दोगला रवैया क्यों अपना रहे है ?
मित्रों, कहावत है की जब अपना ही सिक्का खोटा हो तो फिर दूसरों को दोष नही देना चाहिए | मै इस मामले मे कांग्रेस, मीडिया या सलमान खुर्शीद के बजाय हिन्दुओ को हो दोषी मानता हूँ |
इतने अपमान और इतने लात खाने के बाद भी आजतक हिंदू वोट बैंक नही बना .. सोचिये मुस्लिम आरक्षण के लिए क़ानूनी खर्च मे ही सलमान खुर्शीद ने करीब दो करोड रूपये अपने मंत्रालय से दिये .. फिर हाईकोर्ट ने हारने के बाद केन्द्र सरकार सुप्रीम कोर्ट मे गयी |
एक तरफ मुसलमानों को सरकारी पैसे से हज करवाया जा रहा है और वहीँ दूसरी तरफ हिन्दुओ को अपने पैसे से भी अमरनाथ यात्रा पर जाने मे कई परेशानिय खड़ी की जा रही है | हर साल कांग्रेस एक सोची समझी साजिश के तहत अमरनाथ यात्रा के दिनों मे १० दिन की कटौती करती जा रही है और आने वाले पांच साल मे बाद कांग्रेस अमरनाथ यात्रा को बंद कर देगी |
सोचिये, जब एक मुस्लिम मंत्री सलमान खुर्शोद खुलेआम इस देश के सम्विधान और चुनाव आयोग को चुनौती देते हुए कहता है की मै मुसलमानों को आरक्षण देकर रहूँगा जिसको जो करना है वो कर ले | तब उसे मीडिया साम्प्रदायिक क्यों नही कहती ?
अगर यही बयान कोई हिंदू हिन्दुओ के लिए देता तो अब तक उसके खिलाफ बीस पचीस केस दर्ज करके जेल मे डाल दिया गया होता और उसे साम्प्रदायिक घोषित कर दिया जाता |
अगर भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है तो भारत का प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह क्यों कहता है की इस देश के सभी संशाधनों पर पहला हक मुसलमानों का है ? अगर ये बयान नरेंद्र मोदी हिन्दुओ के लिए देते तो अब तक गुजरात सरकार बर्खास्त हो चुकी होती . और मोदी के खिलाफ पूरे देश मे हजारों केस दर्ज हो चुके होते |
आखिर कब तक इस देश मे धर्मनिरपेक्षता की दोगली परिभाषा रचती जाती रहेगी ?
अगर ऐसे ही गाढ़ निद्रा मे हिंदू सोता रहेगा , अपने जातिवादी निम्न मानसिकता से बाहर निकलकर समस्त हिंदू समाज के हित की नही सोचेगा तो फिर सिर्फ १० साल के बाद इस देश मे हिन्दू एक दोयम दर्जे का नागरिक बन कर ही जियेगा |
फिर भारत मे हिन्दुओ के साथ वही सब होगा जो पाकिस्तान मे हिन्दुओ के साथ हो रहा है |
मेरे हिंदू मित्रों, उठो, जागो और अपने जातिपाती , अगडे पिछड़े , दलित स्वर्ण, प्रान्त छेत्र , आदि तुच्छ और निम्न मानसिकता से उपर उठो, और अपने लिए नही तो कम से कम अपने आने वाली पीढियो के बारे मे सोचो ..
कहीं ऐसा न हो की हमारी आने वाली पीढिया हमे ठीक वैसे ही गाली दे जैसे आज पाकिस्तान के हिंदू अपने पूर्वजो को कोसते है की उन्होंने इस बारे मे पहले ही क्यों नही सोचा ?
दुनिया के हिन्दुओ .. एक हो जाओ
अगर ऐसे ही गाढ़ निद्रा मे हिंदू सोता रहेगा , अपने जातिवादी निम्न मानसिकता से बाहर निकलकर समस्त हिंदू समाज के हित की नही सोचेगा तो फिर सिर्फ १० साल के बाद इस देश मे हिन्दू एक दोयम दर्जे का नागरिक बन कर ही जियेगा |
फिर भारत मे हिन्दुओ के साथ वही सब होगा जो पाकिस्तान मे हिन्दुओ के साथ हो रहा है |
मेरे हिंदू मित्रों, उठो, जागो और अपने जातिपाती, अगडे पिछड़े, दलित, सवर्ण, प्रान्त, क्षेत्र, आदि तुच्छ और निम्न मानसिकता से उपर उठो, और अपने लिए नही तो कम से कम अपने आने वाली पीढियो के बारे मे सोचो ..
कहीं ऐसा न हो की हमारी आने वाली पीढिया हमे ठीक वैसे ही गाली दे जैसे आज पाकिस्तान के हिंदू अपने पूर्वजो को कोसते है की उन्होंने इस बारे मे पहले ही क्यों नही सोचा ?
दुनिया के हिन्दुओ .. एक हो जाओ
प्रधानमंत्री कार्यालय ने सलमान खुर्शीद के इस सुझाव पर तुरंत अमल करने का फैसला किया और आने वाले हप्ते मे प्रधानमंत्री ने जी २० बैठक मे रियो डी जेनेरियो जाने वाले जेंकेट मे कुल ७८ पत्रकारों मे से कुल ३८ मुस्लिम पत्रकार चुने गए है |
हैरानी की बात ये है की ३ पत्रकार एक ही घर से है .. टीम अन्ना की सदस्य शाजिया इल्मी और उनके दो भाइयो को भी इस जेंकेट मे शामिल किया गया है |
मित्रों, क्या इस देश मे अब धर्म निरपेक्षता की नई परिभाषा गढ़ी जायेगी ? अगर कोई मुस्लिम मुसलमानों के लिए आवाज उठाये तो उसे धर्म निरपेक्ष माना जायेगा और अगर कोई हिंदू हिंदुत्व की बात करेगा तो उसे साम्प्रदायिक माना जाएगा ?
आखिर इस देश मे इस मामले मे मीडिया और कांग्रेस इतना दोगला रवैया क्यों अपना रहे है ?
मित्रों, कहावत है की जब अपना ही सिक्का खोटा हो तो फिर दूसरों को दोष नही देना चाहिए | मै इस मामले मे कांग्रेस, मीडिया या सलमान खुर्शीद के बजाय हिन्दुओ को हो दोषी मानता हूँ |
इतने अपमान और इतने लात खाने के बाद भी आजतक हिंदू वोट बैंक नही बना .. सोचिये मुस्लिम आरक्षण के लिए क़ानूनी खर्च मे ही सलमान खुर्शीद ने करीब दो करोड रूपये अपने मंत्रालय से दिये .. फिर हाईकोर्ट ने हारने के बाद केन्द्र सरकार सुप्रीम कोर्ट मे गयी |
एक तरफ मुसलमानों को सरकारी पैसे से हज करवाया जा रहा है और वहीँ दूसरी तरफ हिन्दुओ को अपने पैसे से भी अमरनाथ यात्रा पर जाने मे कई परेशानिय खड़ी की जा रही है | हर साल कांग्रेस एक सोची समझी साजिश के तहत अमरनाथ यात्रा के दिनों मे १० दिन की कटौती करती जा रही है और आने वाले पांच साल मे बाद कांग्रेस अमरनाथ यात्रा को बंद कर देगी |
सोचिये, जब एक मुस्लिम मंत्री सलमान खुर्शोद खुलेआम इस देश के सम्विधान और चुनाव आयोग को चुनौती देते हुए कहता है की मै मुसलमानों को आरक्षण देकर रहूँगा जिसको जो करना है वो कर ले | तब उसे मीडिया साम्प्रदायिक क्यों नही कहती ?
अगर यही बयान कोई हिंदू हिन्दुओ के लिए देता तो अब तक उसके खिलाफ बीस पचीस केस दर्ज करके जेल मे डाल दिया गया होता और उसे साम्प्रदायिक घोषित कर दिया जाता |
अगर भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है तो भारत का प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह क्यों कहता है की इस देश के सभी संशाधनों पर पहला हक मुसलमानों का है ? अगर ये बयान नरेंद्र मोदी हिन्दुओ के लिए देते तो अब तक गुजरात सरकार बर्खास्त हो चुकी होती . और मोदी के खिलाफ पूरे देश मे हजारों केस दर्ज हो चुके होते |
आखिर कब तक इस देश मे धर्मनिरपेक्षता की दोगली परिभाषा रचती जाती रहेगी ?
मित्रों, कानून मंत्री सलमान खुर्शीद ने प्रधानमंत्री के मीडिया सलाहकार एनडीटीवी के पूर्व सम्पादक पंकज पचौरी को पत्र लिखा कि प्रधानमंत्री के विदेश दौरे के लिए जाने वाले पत्रकारों जिसे जेंकेट कहा जाता है उसमे मुस्लिम पत्रकारों को ज्यादा से ज्यादा संख्या मे शामिल किया जाये |
प्रधानमंत्री कार्यालय ने सलमान खुर्शीद के इस सुझाव पर तुरंत अमल करने का फैसला किया और आने वाले हप्ते मे प्रधानमंत्री ने जी २० बैठक मे रियो डी जेनेरियो जाने वाले जेंकेट मे कुल ७८ पत्रकारों मे से कुल ३८ मुस्लिम पत्रकार चुने गए है |
हैरानी की बात ये है की ३ पत्रकार एक ही घर से है .. टीम अन्ना की सदस्य शाजिया इल्मी और उनके दो भाइयो को भी इस जेंकेट मे शामिल किया गया है |
मित्रों, क्या इस देश मे अब धर्म निरपेक्षता की नई परिभाषा गढ़ी जायेगी ? अगर कोई मुस्लिम मुसलमानों के लिए आवाज उठाये तो उसे धर्म निरपेक्ष माना जायेगा और अगर कोई हिंदू हिंदुत्व की बात करेगा तो उसे साम्प्रदायिक माना जाएगा ?
आखिर इस देश मे इस मामले मे मीडिया और कांग्रेस इतना दोगला रवैया क्यों अपना रहे है ?
मित्रों, कहावत है की जब अपना ही सिक्का खोटा हो तो फिर दूसरों को दोष नही देना चाहिए | मै इस मामले मे कांग्रेस, मीडिया या सलमान खुर्शीद के बजाय हिन्दुओ को हो दोषी मानता हूँ |
इतने अपमान और इतने लात खाने के बाद भी आजतक हिंदू वोट बैंक नही बना .. सोचिये मुस्लिम आरक्षण के लिए क़ानूनी खर्च मे ही सलमान खुर्शीद ने करीब दो करोड रूपये अपने मंत्रालय से दिये .. फिर हाईकोर्ट ने हारने के बाद केन्द्र सरकार सुप्रीम कोर्ट मे गयी |
एक तरफ मुसलमानों को सरकारी पैसे से हज करवाया जा रहा है और वहीँ दूसरी तरफ हिन्दुओ को अपने पैसे से भी अमरनाथ यात्रा पर जाने मे कई परेशानिय खड़ी की जा रही है | हर साल कांग्रेस एक सोची समझी साजिश के तहत अमरनाथ यात्रा के दिनों मे १० दिन की कटौती करती जा रही है और आने वाले पांच साल मे बाद कांग्रेस अमरनाथ यात्रा को बंद कर देगी |
सोचिये, जब एक मुस्लिम मंत्री सलमान खुर्शोद खुलेआम इस देश के सम्विधान और चुनाव आयोग को चुनौती देते हुए कहता है की मै मुसलमानों को आरक्षण देकर रहूँगा जिसको जो करना है वो कर ले | तब उसे मीडिया साम्प्रदायिक क्यों नही कहती ?
अगर यही बयान कोई हिंदू हिन्दुओ के लिए देता तो अब तक उसके खिलाफ बीस पचीस केस दर्ज करके जेल मे डाल दिया गया होता और उसे साम्प्रदायिक घोषित कर दिया जाता |
अगर भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है तो भारत का प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह क्यों कहता है की इस देश के सभी संशाधनों पर पहला हक मुसलमानों का है ? अगर ये बयान नरेंद्र मोदी हिन्दुओ के लिए देते तो अब तक गुजरात सरकार बर्खास्त हो चुकी होती . और मोदी के खिलाफ पूरे देश मे हजारों केस दर्ज हो चुके होते |
आखिर कब तक इस देश मे धर्मनिरपेक्षता की दोगली परिभाषा रचती जाती रहेगी ?
अगर ऐसे ही गाढ़ निद्रा मे हिंदू सोता रहेगा , अपने जातिवादी निम्न मानसिकता से बाहर निकलकर समस्त हिंदू समाज के हित की नही सोचेगा तो फिर सिर्फ १० साल के बाद इस देश मे हिन्दू एक दोयम दर्जे का नागरिक बन कर ही जियेगा |
फिर भारत मे हिन्दुओ के साथ वही सब होगा जो पाकिस्तान मे हिन्दुओ के साथ हो रहा है |
मेरे हिंदू मित्रों, उठो, जागो और अपने जातिपाती , अगडे पिछड़े , दलित स्वर्ण, प्रान्त छेत्र , आदि तुच्छ और निम्न मानसिकता से उपर उठो, और अपने लिए नही तो कम से कम अपने आने वाली पीढियो के बारे मे सोचो ..
कहीं ऐसा न हो की हमारी आने वाली पीढिया हमे ठीक वैसे ही गाली दे जैसे आज पाकिस्तान के हिंदू अपने पूर्वजो को कोसते है की उन्होंने इस बारे मे पहले ही क्यों नही सोचा ?
दुनिया के हिन्दुओ .. एक हो जाओ
अगर ऐसे ही गाढ़ निद्रा मे हिंदू सोता रहेगा , अपने जातिवादी निम्न मानसिकता से बाहर निकलकर समस्त हिंदू समाज के हित की नही सोचेगा तो फिर सिर्फ १० साल के बाद इस देश मे हिन्दू एक दोयम दर्जे का नागरिक बन कर ही जियेगा |
फिर भारत मे हिन्दुओ के साथ वही सब होगा जो पाकिस्तान मे हिन्दुओ के साथ हो रहा है |
मेरे हिंदू मित्रों, उठो, जागो और अपने जातिपाती, अगडे पिछड़े, दलित, सवर्ण, प्रान्त, क्षेत्र, आदि तुच्छ और निम्न मानसिकता से उपर उठो, और अपने लिए नही तो कम से कम अपने आने वाली पीढियो के बारे मे सोचो ..
कहीं ऐसा न हो की हमारी आने वाली पीढिया हमे ठीक वैसे ही गाली दे जैसे आज पाकिस्तान के हिंदू अपने पूर्वजो को कोसते है की उन्होंने इस बारे मे पहले ही क्यों नही सोचा ?
दुनिया के हिन्दुओ .. एक हो जाओ
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