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Friday, 25 May 2012

मैंने कभी नहीं देखा कि जब दो ईसाई या दो मुस्लिम एक दूसरे से मिलते हों

मैंने कभी नहीं देखा कि जब दो ईसाई या दो मुस्लिम एक दूसरे से मिलते हों तो आपस में रामनवमी या कृष्ण जन्माष्टमी की शुभकामनायें एक दूसरे को देते हों.

पर हर बार देखता हूँ कि क्रिसमस आयी नहीं कि सेक्युलरिज्म की बीमारी से ग्रसित और अपने को अति आधुनिक दिखने की होड़ में फंसे कई हिन्दुओं को मेरी क्रिसमस कहने का दौरा पड़ जाता है.

इन्हें ये कभी याद नहीं रहता कि रामनवमी और कृष्ण जन्माष्टमी कब आयीं और कब गयीं पर क्रिसमस पर बौराए घूमते हैं| 

ऐसे सभी महानुभावों से अनुरोध है कि कृपया अंग्रेजी नव वर्ष पर भी कष्ट ना उठायें|