कटु सत्यमेव जयते
क्या ये साम्प्रदायिकता नहीं हैं ???
दिल्ली उच्च न्यायालय ने गत 20 अप्रैल को यह ऐतिहासिक फैसला देते हुए कहा है कि मुसलमान नमाज पढ़ें लेकिन अपनी मस्जिद के परिसर के अंदर न कि बाहर पूरी सड़क पर। न्यायालय ने कहा है कि नमाज पढ़ने के लिए सार्वजनिक सड़क या गलियों को घेरना गैरकानूनी है और पुलिस को चाहिए कि वह ऐसी गतिविधियों को रोके। ध्यान देने की बात यह है कि न्यायालय ने यह निर्णय जनवरी, 2009 में ही दिया था, परंतु पुलिस मुसलमानों को सड़कों पर नमाज पढ़ने से नहीं रोक पाई, तब स्थानीय निवासी दोबारा न्यायालय में गए थे। हालांकि पुलिस ने इसपर अपनी असमर्थता व्यक्त की है कि उसके पास इतने लोग नहीं। परंतु इसके बावजूद न्यायालय के इस आदेश की बिना पर सड़कों और गलियों पर होने वाले इस प्रकार के अतिक्रमणों को रोकने की कोशिश की जा सकती है।
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