आप अन्ना और रामदेव को कांग्रेस द्वारा भ्रष्ट कहने पर चौक जाते है ? नीच कांग्रेस ने संसद मे आज़ाद हिंद फ़ौज को गद्दार कहते हुए आज़ाद हिंद फ़ौज के पूर्व फौजियो को सेना की तरह पेंशन और दूसरे सुविधाए देने से मना कर दिया था |जी हाँ मित्रों, आज की पीढ़ी ये सुनकर हिल जायेगी की कांग्रेस की नजर मे इस देश के लिए अपना बलिदान देने वाले मतवाले आज़ाद हिंद फ़ौज के फौजी गद्दार है |
The idea is that this blog shall serve as a repository for various news posts / links (related to nationalist cause), that are posted on Facebook by my "friends". The need to create this was felt after Facebook started deleting pages and accounts under pressure from Sonia Maino's despotic regime to remove anti-Congress information.
Sunday, 10 June 2012
How Islam is radical. This movie is a must watch.
ओह .. वाह रे कांग्रेस की हिन्दुओ को अपमानित करने की पालिसी ..
जिसे जेंकेट कहा जाता है उसमे मुस्लिम पत्रकारों को ज्यादा से ज्यादा संख्या मे शामिल किया जाये |
प्रधानमंत्री कार्यालय ने सलमान खुर्शीद के इस सुझाव पर तुरंत अमल करने का फैसला किया और आने वाले हप्ते मे प्रधानमंत्री ने जी २० बैठक मे रियो डी जेनेरियो जाने वाले जेंकेट मे कुल ७८ पत्रकारों मे से कुल ३८ मुस्लिम पत्रकार चुने गए है |
हैरानी की बात ये है की ३ पत्रकार एक ही घर से है .. टीम अन्ना की सदस्य शाजिया इल्मी और उनके दो भाइयो को भी इस जेंकेट मे शामिल किया गया है |
मित्रों, क्या इस देश मे अब धर्म निरपेक्षता की नई परिभाषा गढ़ी जायेगी ? अगर कोई मुस्लिम मुसलमानों के लिए आवाज उठाये तो उसे धर्म निरपेक्ष माना जायेगा और अगर कोई हिंदू हिंदुत्व की बात करेगा तो उसे साम्प्रदायिक माना जाएगा ?
आखिर इस देश मे इस मामले मे मीडिया और कांग्रेस इतना दोगला रवैया क्यों अपना रहे है ?
मित्रों, कहावत है की जब अपना ही सिक्का खोटा हो तो फिर दूसरों को दोष नही देना चाहिए | मै इस मामले मे कांग्रेस, मीडिया या सलमान खुर्शीद के बजाय हिन्दुओ को हो दोषी मानता हूँ |
इतने अपमान और इतने लात खाने के बाद भी आजतक हिंदू वोट बैंक नही बना .. सोचिये मुस्लिम आरक्षण के लिए क़ानूनी खर्च मे ही सलमान खुर्शीद ने करीब दो करोड रूपये अपने मंत्रालय से दिये .. फिर हाईकोर्ट ने हारने के बाद केन्द्र सरकार सुप्रीम कोर्ट मे गयी |
एक तरफ मुसलमानों को सरकारी पैसे से हज करवाया जा रहा है और वहीँ दूसरी तरफ हिन्दुओ को अपने पैसे से भी अमरनाथ यात्रा पर जाने मे कई परेशानिय खड़ी की जा रही है | हर साल कांग्रेस एक सोची समझी साजिश के तहत अमरनाथ यात्रा के दिनों मे १० दिन की कटौती करती जा रही है और आने वाले पांच साल मे बाद कांग्रेस अमरनाथ यात्रा को बंद कर देगी |
सोचिये, जब एक मुस्लिम मंत्री सलमान खुर्शोद खुलेआम इस देश के सम्विधान और चुनाव आयोग को चुनौती देते हुए कहता है की मै मुसलमानों को आरक्षण देकर रहूँगा जिसको जो करना है वो कर ले | तब उसे मीडिया साम्प्रदायिक क्यों नही कहती ?
अगर यही बयान कोई हिंदू हिन्दुओ के लिए देता तो अब तक उसके खिलाफ बीस पचीस केस दर्ज करके जेल मे डाल दिया गया होता और उसे साम्प्रदायिक घोषित कर दिया जाता |
अगर भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है तो भारत का प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह क्यों कहता है की इस देश के सभी संशाधनों पर पहला हक मुसलमानों का है ? अगर ये बयान नरेंद्र मोदी हिन्दुओ के लिए देते तो अब तक गुजरात सरकार बर्खास्त हो चुकी होती . और मोदी के खिलाफ पूरे देश मे हजारों केस दर्ज हो चुके होते |
आखिर कब तक इस देश मे धर्मनिरपेक्षता की दोगली परिभाषा रचती जाती रहेगी ?
मित्रों, कानून मंत्री सलमान खुर्शीद ने प्रधानमंत्री के मीडिया सलाहकार एनडीटीवी के पूर्व सम्पादक पंकज पचौरी को पत्र लिखा कि प्रधानमंत्री के विदेश दौरे के लिए जाने वाले पत्रकारों जिसे जेंकेट कहा जाता है उसमे मुस्लिम पत्रकारों को ज्यादा से ज्यादा संख्या मे शामिल किया जाये |
प्रधानमंत्री कार्यालय ने सलमान खुर्शीद के इस सुझाव पर तुरंत अमल करने का फैसला किया और आने वाले हप्ते मे प्रधानमंत्री ने जी २० बैठक मे रियो डी जेनेरियो जाने वाले जेंकेट मे कुल ७८ पत्रकारों मे से कुल ३८ मुस्लिम पत्रकार चुने गए है |
हैरानी की बात ये है की ३ पत्रकार एक ही घर से है .. टीम अन्ना की सदस्य शाजिया इल्मी और उनके दो भाइयो को भी इस जेंकेट मे शामिल किया गया है |
मित्रों, क्या इस देश मे अब धर्म निरपेक्षता की नई परिभाषा गढ़ी जायेगी ? अगर कोई मुस्लिम मुसलमानों के लिए आवाज उठाये तो उसे धर्म निरपेक्ष माना जायेगा और अगर कोई हिंदू हिंदुत्व की बात करेगा तो उसे साम्प्रदायिक माना जाएगा ?
आखिर इस देश मे इस मामले मे मीडिया और कांग्रेस इतना दोगला रवैया क्यों अपना रहे है ?
मित्रों, कहावत है की जब अपना ही सिक्का खोटा हो तो फिर दूसरों को दोष नही देना चाहिए | मै इस मामले मे कांग्रेस, मीडिया या सलमान खुर्शीद के बजाय हिन्दुओ को हो दोषी मानता हूँ |
इतने अपमान और इतने लात खाने के बाद भी आजतक हिंदू वोट बैंक नही बना .. सोचिये मुस्लिम आरक्षण के लिए क़ानूनी खर्च मे ही सलमान खुर्शीद ने करीब दो करोड रूपये अपने मंत्रालय से दिये .. फिर हाईकोर्ट ने हारने के बाद केन्द्र सरकार सुप्रीम कोर्ट मे गयी |
एक तरफ मुसलमानों को सरकारी पैसे से हज करवाया जा रहा है और वहीँ दूसरी तरफ हिन्दुओ को अपने पैसे से भी अमरनाथ यात्रा पर जाने मे कई परेशानिय खड़ी की जा रही है | हर साल कांग्रेस एक सोची समझी साजिश के तहत अमरनाथ यात्रा के दिनों मे १० दिन की कटौती करती जा रही है और आने वाले पांच साल मे बाद कांग्रेस अमरनाथ यात्रा को बंद कर देगी |
सोचिये, जब एक मुस्लिम मंत्री सलमान खुर्शोद खुलेआम इस देश के सम्विधान और चुनाव आयोग को चुनौती देते हुए कहता है की मै मुसलमानों को आरक्षण देकर रहूँगा जिसको जो करना है वो कर ले | तब उसे मीडिया साम्प्रदायिक क्यों नही कहती ?
अगर यही बयान कोई हिंदू हिन्दुओ के लिए देता तो अब तक उसके खिलाफ बीस पचीस केस दर्ज करके जेल मे डाल दिया गया होता और उसे साम्प्रदायिक घोषित कर दिया जाता |
अगर भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है तो भारत का प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह क्यों कहता है की इस देश के सभी संशाधनों पर पहला हक मुसलमानों का है ? अगर ये बयान नरेंद्र मोदी हिन्दुओ के लिए देते तो अब तक गुजरात सरकार बर्खास्त हो चुकी होती . और मोदी के खिलाफ पूरे देश मे हजारों केस दर्ज हो चुके होते |
आखिर कब तक इस देश मे धर्मनिरपेक्षता की दोगली परिभाषा रचती जाती रहेगी ?
अगर ऐसे ही गाढ़ निद्रा मे हिंदू सोता रहेगा , अपने जातिवादी निम्न मानसिकता से बाहर निकलकर समस्त हिंदू समाज के हित की नही सोचेगा तो फिर सिर्फ १० साल के बाद इस देश मे हिन्दू एक दोयम दर्जे का नागरिक बन कर ही जियेगा |
फिर भारत मे हिन्दुओ के साथ वही सब होगा जो पाकिस्तान मे हिन्दुओ के साथ हो रहा है |
मेरे हिंदू मित्रों, उठो, जागो और अपने जातिपाती , अगडे पिछड़े , दलित स्वर्ण, प्रान्त छेत्र , आदि तुच्छ और निम्न मानसिकता से उपर उठो, और अपने लिए नही तो कम से कम अपने आने वाली पीढियो के बारे मे सोचो ..
कहीं ऐसा न हो की हमारी आने वाली पीढिया हमे ठीक वैसे ही गाली दे जैसे आज पाकिस्तान के हिंदू अपने पूर्वजो को कोसते है की उन्होंने इस बारे मे पहले ही क्यों नही सोचा ?
दुनिया के हिन्दुओ .. एक हो जाओ
अगर ऐसे ही गाढ़ निद्रा मे हिंदू सोता रहेगा , अपने जातिवादी निम्न मानसिकता से बाहर निकलकर समस्त हिंदू समाज के हित की नही सोचेगा तो फिर सिर्फ १० साल के बाद इस देश मे हिन्दू एक दोयम दर्जे का नागरिक बन कर ही जियेगा |
फिर भारत मे हिन्दुओ के साथ वही सब होगा जो पाकिस्तान मे हिन्दुओ के साथ हो रहा है |
मेरे हिंदू मित्रों, उठो, जागो और अपने जातिपाती, अगडे पिछड़े, दलित, सवर्ण, प्रान्त, क्षेत्र, आदि तुच्छ और निम्न मानसिकता से उपर उठो, और अपने लिए नही तो कम से कम अपने आने वाली पीढियो के बारे मे सोचो ..
कहीं ऐसा न हो की हमारी आने वाली पीढिया हमे ठीक वैसे ही गाली दे जैसे आज पाकिस्तान के हिंदू अपने पूर्वजो को कोसते है की उन्होंने इस बारे मे पहले ही क्यों नही सोचा ?
दुनिया के हिन्दुओ .. एक हो जाओ
प्रधानमंत्री कार्यालय ने सलमान खुर्शीद के इस सुझाव पर तुरंत अमल करने का फैसला किया और आने वाले हप्ते मे प्रधानमंत्री ने जी २० बैठक मे रियो डी जेनेरियो जाने वाले जेंकेट मे कुल ७८ पत्रकारों मे से कुल ३८ मुस्लिम पत्रकार चुने गए है |
हैरानी की बात ये है की ३ पत्रकार एक ही घर से है .. टीम अन्ना की सदस्य शाजिया इल्मी और उनके दो भाइयो को भी इस जेंकेट मे शामिल किया गया है |
मित्रों, क्या इस देश मे अब धर्म निरपेक्षता की नई परिभाषा गढ़ी जायेगी ? अगर कोई मुस्लिम मुसलमानों के लिए आवाज उठाये तो उसे धर्म निरपेक्ष माना जायेगा और अगर कोई हिंदू हिंदुत्व की बात करेगा तो उसे साम्प्रदायिक माना जाएगा ?
आखिर इस देश मे इस मामले मे मीडिया और कांग्रेस इतना दोगला रवैया क्यों अपना रहे है ?
मित्रों, कहावत है की जब अपना ही सिक्का खोटा हो तो फिर दूसरों को दोष नही देना चाहिए | मै इस मामले मे कांग्रेस, मीडिया या सलमान खुर्शीद के बजाय हिन्दुओ को हो दोषी मानता हूँ |
इतने अपमान और इतने लात खाने के बाद भी आजतक हिंदू वोट बैंक नही बना .. सोचिये मुस्लिम आरक्षण के लिए क़ानूनी खर्च मे ही सलमान खुर्शीद ने करीब दो करोड रूपये अपने मंत्रालय से दिये .. फिर हाईकोर्ट ने हारने के बाद केन्द्र सरकार सुप्रीम कोर्ट मे गयी |
एक तरफ मुसलमानों को सरकारी पैसे से हज करवाया जा रहा है और वहीँ दूसरी तरफ हिन्दुओ को अपने पैसे से भी अमरनाथ यात्रा पर जाने मे कई परेशानिय खड़ी की जा रही है | हर साल कांग्रेस एक सोची समझी साजिश के तहत अमरनाथ यात्रा के दिनों मे १० दिन की कटौती करती जा रही है और आने वाले पांच साल मे बाद कांग्रेस अमरनाथ यात्रा को बंद कर देगी |
सोचिये, जब एक मुस्लिम मंत्री सलमान खुर्शोद खुलेआम इस देश के सम्विधान और चुनाव आयोग को चुनौती देते हुए कहता है की मै मुसलमानों को आरक्षण देकर रहूँगा जिसको जो करना है वो कर ले | तब उसे मीडिया साम्प्रदायिक क्यों नही कहती ?
अगर यही बयान कोई हिंदू हिन्दुओ के लिए देता तो अब तक उसके खिलाफ बीस पचीस केस दर्ज करके जेल मे डाल दिया गया होता और उसे साम्प्रदायिक घोषित कर दिया जाता |
अगर भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है तो भारत का प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह क्यों कहता है की इस देश के सभी संशाधनों पर पहला हक मुसलमानों का है ? अगर ये बयान नरेंद्र मोदी हिन्दुओ के लिए देते तो अब तक गुजरात सरकार बर्खास्त हो चुकी होती . और मोदी के खिलाफ पूरे देश मे हजारों केस दर्ज हो चुके होते |
आखिर कब तक इस देश मे धर्मनिरपेक्षता की दोगली परिभाषा रचती जाती रहेगी ?
मित्रों, कानून मंत्री सलमान खुर्शीद ने प्रधानमंत्री के मीडिया सलाहकार एनडीटीवी के पूर्व सम्पादक पंकज पचौरी को पत्र लिखा कि प्रधानमंत्री के विदेश दौरे के लिए जाने वाले पत्रकारों जिसे जेंकेट कहा जाता है उसमे मुस्लिम पत्रकारों को ज्यादा से ज्यादा संख्या मे शामिल किया जाये |
प्रधानमंत्री कार्यालय ने सलमान खुर्शीद के इस सुझाव पर तुरंत अमल करने का फैसला किया और आने वाले हप्ते मे प्रधानमंत्री ने जी २० बैठक मे रियो डी जेनेरियो जाने वाले जेंकेट मे कुल ७८ पत्रकारों मे से कुल ३८ मुस्लिम पत्रकार चुने गए है |
हैरानी की बात ये है की ३ पत्रकार एक ही घर से है .. टीम अन्ना की सदस्य शाजिया इल्मी और उनके दो भाइयो को भी इस जेंकेट मे शामिल किया गया है |
मित्रों, क्या इस देश मे अब धर्म निरपेक्षता की नई परिभाषा गढ़ी जायेगी ? अगर कोई मुस्लिम मुसलमानों के लिए आवाज उठाये तो उसे धर्म निरपेक्ष माना जायेगा और अगर कोई हिंदू हिंदुत्व की बात करेगा तो उसे साम्प्रदायिक माना जाएगा ?
आखिर इस देश मे इस मामले मे मीडिया और कांग्रेस इतना दोगला रवैया क्यों अपना रहे है ?
मित्रों, कहावत है की जब अपना ही सिक्का खोटा हो तो फिर दूसरों को दोष नही देना चाहिए | मै इस मामले मे कांग्रेस, मीडिया या सलमान खुर्शीद के बजाय हिन्दुओ को हो दोषी मानता हूँ |
इतने अपमान और इतने लात खाने के बाद भी आजतक हिंदू वोट बैंक नही बना .. सोचिये मुस्लिम आरक्षण के लिए क़ानूनी खर्च मे ही सलमान खुर्शीद ने करीब दो करोड रूपये अपने मंत्रालय से दिये .. फिर हाईकोर्ट ने हारने के बाद केन्द्र सरकार सुप्रीम कोर्ट मे गयी |
एक तरफ मुसलमानों को सरकारी पैसे से हज करवाया जा रहा है और वहीँ दूसरी तरफ हिन्दुओ को अपने पैसे से भी अमरनाथ यात्रा पर जाने मे कई परेशानिय खड़ी की जा रही है | हर साल कांग्रेस एक सोची समझी साजिश के तहत अमरनाथ यात्रा के दिनों मे १० दिन की कटौती करती जा रही है और आने वाले पांच साल मे बाद कांग्रेस अमरनाथ यात्रा को बंद कर देगी |
सोचिये, जब एक मुस्लिम मंत्री सलमान खुर्शोद खुलेआम इस देश के सम्विधान और चुनाव आयोग को चुनौती देते हुए कहता है की मै मुसलमानों को आरक्षण देकर रहूँगा जिसको जो करना है वो कर ले | तब उसे मीडिया साम्प्रदायिक क्यों नही कहती ?
अगर यही बयान कोई हिंदू हिन्दुओ के लिए देता तो अब तक उसके खिलाफ बीस पचीस केस दर्ज करके जेल मे डाल दिया गया होता और उसे साम्प्रदायिक घोषित कर दिया जाता |
अगर भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है तो भारत का प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह क्यों कहता है की इस देश के सभी संशाधनों पर पहला हक मुसलमानों का है ? अगर ये बयान नरेंद्र मोदी हिन्दुओ के लिए देते तो अब तक गुजरात सरकार बर्खास्त हो चुकी होती . और मोदी के खिलाफ पूरे देश मे हजारों केस दर्ज हो चुके होते |
आखिर कब तक इस देश मे धर्मनिरपेक्षता की दोगली परिभाषा रचती जाती रहेगी ?
अगर ऐसे ही गाढ़ निद्रा मे हिंदू सोता रहेगा , अपने जातिवादी निम्न मानसिकता से बाहर निकलकर समस्त हिंदू समाज के हित की नही सोचेगा तो फिर सिर्फ १० साल के बाद इस देश मे हिन्दू एक दोयम दर्जे का नागरिक बन कर ही जियेगा |
फिर भारत मे हिन्दुओ के साथ वही सब होगा जो पाकिस्तान मे हिन्दुओ के साथ हो रहा है |
मेरे हिंदू मित्रों, उठो, जागो और अपने जातिपाती , अगडे पिछड़े , दलित स्वर्ण, प्रान्त छेत्र , आदि तुच्छ और निम्न मानसिकता से उपर उठो, और अपने लिए नही तो कम से कम अपने आने वाली पीढियो के बारे मे सोचो ..
कहीं ऐसा न हो की हमारी आने वाली पीढिया हमे ठीक वैसे ही गाली दे जैसे आज पाकिस्तान के हिंदू अपने पूर्वजो को कोसते है की उन्होंने इस बारे मे पहले ही क्यों नही सोचा ?
दुनिया के हिन्दुओ .. एक हो जाओ
अगर ऐसे ही गाढ़ निद्रा मे हिंदू सोता रहेगा , अपने जातिवादी निम्न मानसिकता से बाहर निकलकर समस्त हिंदू समाज के हित की नही सोचेगा तो फिर सिर्फ १० साल के बाद इस देश मे हिन्दू एक दोयम दर्जे का नागरिक बन कर ही जियेगा |
फिर भारत मे हिन्दुओ के साथ वही सब होगा जो पाकिस्तान मे हिन्दुओ के साथ हो रहा है |
मेरे हिंदू मित्रों, उठो, जागो और अपने जातिपाती, अगडे पिछड़े, दलित, सवर्ण, प्रान्त, क्षेत्र, आदि तुच्छ और निम्न मानसिकता से उपर उठो, और अपने लिए नही तो कम से कम अपने आने वाली पीढियो के बारे मे सोचो ..
कहीं ऐसा न हो की हमारी आने वाली पीढिया हमे ठीक वैसे ही गाली दे जैसे आज पाकिस्तान के हिंदू अपने पूर्वजो को कोसते है की उन्होंने इस बारे मे पहले ही क्यों नही सोचा ?
दुनिया के हिन्दुओ .. एक हो जाओ
आइये जूता मारे नक्सलवाद को.
जान कर आह्लादित हूं कि नक्सल पीड़ित बच्चों की शिक्षा के लिए रमन सरकार द्वारा स्थापित 'प्रयास' नामक संस्था के कुल 222 बच्चों में से 148 ने ए.आई.ई.ई.ई. की प्रवेश परीक्षा में सफलता हासिल कर मस्तक ऊंचा कर दिया है छत्तीसगढ़ का. इससे पहले इस संस्था के दो नक्सल पीड़ित छात्र आई आई टी में भी सफलता हासिल कर चुके हैं.मुझे मालुम है कि राष्ट्रीय कहे जाने मीडिया के लिए ये कोई खबर नहीं है. भाड़ में जाए ये भांड मीडिया. हम सबके लिए छत्तीसगढ़ जिंदाबाद, कायम रहे अपना यह लोकतंत्र. शाबाब्स माटी पुत्र. आइये जूता मारे नक्सलवाद को.
Saturday, 9 June 2012
राजनितिक मुस्लिम जिहादी मुल्ला मुलायम के सुपुत्र
खुला खेल जिहादी !!
राजनितिक मुस्लिम जिहादी मुल्ला मुलायम के सुपुत्र
ने ""खच्चर कमिटी की सिफारिश से भी आगे जा कर यु.पी में
मुस्लिमो को सब इंस्पेक्टर की भर्ती में अठारह प्रतिशत आरक्षण देने की घोषणा की हे @
देश एक और अलगाव की खतरनाक राह पर आगे बढ़ चूका हे जिसकी शुरुवात यु.पी से हो चुकी हे !!
यु.पी वालो ने अपने पेरो पर कुलाह्डी मारी जो मारी लेकिन देश में एक गलत परम्परा की
शुरुवात इस मुल्ला सरकार से करवा दी हे @
पूत के पांव पलने में ही दिखने लग गए हे अभी तो पांच साल बाकी हे
यदि समाजवादी मूल्लावो ने यु.पी के प्रत्येक हिन्दू को नमाज नही पढ़ा दी तो
देख लेना ,कह देना !!
राजनितिक मुस्लिम जिहादी मुल्ला मुलायम के सुपुत्र
ने ""खच्चर कमिटी की सिफारिश से भी आगे जा कर यु.पी में
मुस्लिमो को सब इंस्पेक्टर की भर्ती में अठारह प्रतिशत आरक्षण देने की घोषणा की हे @
देश एक और अलगाव की खतरनाक राह पर आगे बढ़ चूका हे जिसकी शुरुवात यु.पी से हो चुकी हे !!
यु.पी वालो ने अपने पेरो पर कुलाह्डी मारी जो मारी लेकिन देश में एक गलत परम्परा की
शुरुवात इस मुल्ला सरकार से करवा दी हे @
पूत के पांव पलने में ही दिखने लग गए हे अभी तो पांच साल बाकी हे
यदि समाजवादी मूल्लावो ने यु.पी के प्रत्येक हिन्दू को नमाज नही पढ़ा दी तो
देख लेना ,कह देना !!
क्या आपने इन दो खबरों पर मीडिया का भरपूर कवरेज देखा??? नहीं ना…
1) दुनिया के 200 से अधिक देश शतरंज खेलते हैं…
विश्वनाथन आनन्द पाँचवी बार विश्व चैम्पियन बने…
2) दुनिया के 150 से अधिक देश हॉकी खेलते हैं…
बीजू जनता दल ने दिलीप तिर्की को अपनी तरफ़ से राज्यसभा में भेजा है…
क्या आपने इन दो खबरों पर मीडिया का भरपूर कवरेज देखा??? नहीं ना…
देखेंगे भी कैसे? मीडिया को सचिन तेण्डुलकर/रेखा की राज्यसभा शपथ से… तथा स्मैकचियों, जुआरियों और बार-गर्लों से भरे पड़े IPL से फ़ुर्सत ही नहीं मिली… का भरपूर कवरेज देखा??? नहीं ना…
देखेंगे भी कैसे? मीडिया को सचिन तेण्डुलकर/रेखा की राज्यसभा शपथ से… तथा स्मैकचियों, जुआरियों और बार-गर्लों से भरे पड़े IPL से फ़ुर्सत ही नहीं मिली…
विश्वनाथन आनन्द पाँचवी बार विश्व चैम्पियन बने…
2) दुनिया के 150 से अधिक देश हॉकी खेलते हैं…
बीजू जनता दल ने दिलीप तिर्की को अपनी तरफ़ से राज्यसभा में भेजा है…
क्या आपने इन दो खबरों पर मीडिया का भरपूर कवरेज देखा??? नहीं ना…
देखेंगे भी कैसे? मीडिया को सचिन तेण्डुलकर/रेखा की राज्यसभा शपथ से… तथा स्मैकचियों, जुआरियों और बार-गर्लों से भरे पड़े IPL से फ़ुर्सत ही नहीं मिली… का भरपूर कवरेज देखा??? नहीं ना…
देखेंगे भी कैसे? मीडिया को सचिन तेण्डुलकर/रेखा की राज्यसभा शपथ से… तथा स्मैकचियों, जुआरियों और बार-गर्लों से भरे पड़े IPL से फ़ुर्सत ही नहीं मिली…
Muslim father and brother rape a girl continously
Muslim father and brother rape a girl continously. Shahjahan, the "Great" Mughal was raping his daughter as well.
Thooo !!!
Thooo !!!
जो कौम इतिहास से नही सीखती वो बर्बाद होकर मिट्टी मे मिल जाती है |
जो कौम इतिहास से नही सीखती वो बर्बाद
होकर मिट्टी मे मिल जाती है |
जो हिंदू इस घमंड मे जी रहे है कि अरबो सालो से
सनातन धर्म है और इसे कोई नही मिटा सकता मै
उन्हें मुर्ख और बेवकूफ ही समझता हूँ |
आखिर अफगानीस्तान से हिंदू क्यों मिट गया ?
काबुल जो भगवान राम के पुत्र कुश
का बनाया शहर था आज वहाँ एक भी मंदिर
नही बचा |
गंधार जिसका विवरण महाभारत मे है
जहां की रानी गांधारी थी आज उसका नाम कंधार
हो चूका है और वहाँ आज एक भी हिंदू नही बचा |
कम्बोडिया जहां राजा सूर्य देव बर्मन ने
दुनिया का सबसे बड़ा मंदिर अंकोरवाट
बनाया आज वहा भी हिंदू नही है |
बाली द्वीप मे २० साल पहले तक ९०% हिंदू थे आज
सिर्फ २०% बचे |
कश्मीर घाटी मे सिर्फ २० साल पहले ५०% हिंदू
थे , आज एक भी हिंदू नही बचा |
केरल मे १० साल पहले तक ६०% जनसंख्या हिन्दुओ
की थी आज सिर्फ १०% हिंदू केरल मे है |
नोर्थ ईस्ट जैसे सिक्किम, नागालैंड , आसाम आदि मे
हिंदू हर रोज मारे या भगाए जाते है
या उनका धर्मपरिवर्तन हो रहा है |
मित्रों, १५६९ तक ईरान का नाम पारस
या पर्शिया होता था और वहाँ एक भी मुस्लिम
नही था सिर्फ पारसी रहते थे .. जब पारस पर
मुस्लिमो का आक्रमण होता था तब पारसी बूढ़े
बुजुर्ग अपने नौजवान को यही सिखाते थे की हमे
कोई मिटा नही सकता .
लेकिन ईरान से सारे के सारे पारसी मिटा दिये
गए .. धीरे धीरे उनका कत्लेआम और धर्मपरिवर्तन
होता रहा .. एक नाव मे बैठकर २१
पारसी किसी तरह गुजरात के नवसारी जिले के
उद्वावाडा गांव मे पहुचे और आज पारसी सिर्फ
भारत मे ही गिनती की संख्या मे बचे है |
कांग्रेस के लोग कृपा करके
सोनिया गाँधी को समझाये की वो विभाजन काल
की ग़लती को ना दुहराएँ. जो इतिहास से कुछ
सीखता नही वो मिट जाता है.
सूरहावर्दी ने 1946 मे कलकत्ता मे हिंदुओं का क़त्ले
आम करने के लिए 24 मे से 22 पुलिस थाने मुस्लिम
अधिकारीओं और 2 अन्ग्लो इंडियन अधिकारीओं के
हवाले किया था यही हाल पूरे बंगाल का था.
हमारे केंद्रीय गृह सचिव यदि किसी महा भयंकर
षड्यंत्र को नही समझते तो उन्हे पद पर बना रहने
का अधिकार नही है.
26/11 के पाकिस्तानी हमले के समय कौन था मुंबई
का पुलिस सर्वोच्च अधिकारी और
कहाँ बैठा था क्या कर रहा था ज़रा सोचिए
गंभीरता से. इसकी भयानकता के बारे मे अंदाज
लगाना ही है तो इस देश की देशभक्त जनता पर
उपकर करने के लिए श्री माधव गोड़बोले आइ ए एस
भू. पु. केंद्रीय गृह सचिव की लिखित
"दी हॉलोकास्ट ऑफ इंडियन पार्टीशन: एन
इंक्वेस्ट" यह किताब पूरी संजीदगी से पढ़ें जिसमे
एक भी लफ़्ज बिना आधार के काल्पनिक
नही लिखा गया; आप आज उसी पद पर हैं. यह आदेश
जारी करके हिंदुओं के भावी क़त्ले आम
की सुविधा कर रहे हैं|
होकर मिट्टी मे मिल जाती है |
जो हिंदू इस घमंड मे जी रहे है कि अरबो सालो से
सनातन धर्म है और इसे कोई नही मिटा सकता मै
उन्हें मुर्ख और बेवकूफ ही समझता हूँ |
आखिर अफगानीस्तान से हिंदू क्यों मिट गया ?
काबुल जो भगवान राम के पुत्र कुश
का बनाया शहर था आज वहाँ एक भी मंदिर
नही बचा |
गंधार जिसका विवरण महाभारत मे है
जहां की रानी गांधारी थी आज उसका नाम कंधार
हो चूका है और वहाँ आज एक भी हिंदू नही बचा |
कम्बोडिया जहां राजा सूर्य देव बर्मन ने
दुनिया का सबसे बड़ा मंदिर अंकोरवाट
बनाया आज वहा भी हिंदू नही है |
बाली द्वीप मे २० साल पहले तक ९०% हिंदू थे आज
सिर्फ २०% बचे |
कश्मीर घाटी मे सिर्फ २० साल पहले ५०% हिंदू
थे , आज एक भी हिंदू नही बचा |
केरल मे १० साल पहले तक ६०% जनसंख्या हिन्दुओ
की थी आज सिर्फ १०% हिंदू केरल मे है |
नोर्थ ईस्ट जैसे सिक्किम, नागालैंड , आसाम आदि मे
हिंदू हर रोज मारे या भगाए जाते है
या उनका धर्मपरिवर्तन हो रहा है |
मित्रों, १५६९ तक ईरान का नाम पारस
या पर्शिया होता था और वहाँ एक भी मुस्लिम
नही था सिर्फ पारसी रहते थे .. जब पारस पर
मुस्लिमो का आक्रमण होता था तब पारसी बूढ़े
बुजुर्ग अपने नौजवान को यही सिखाते थे की हमे
कोई मिटा नही सकता .
लेकिन ईरान से सारे के सारे पारसी मिटा दिये
गए .. धीरे धीरे उनका कत्लेआम और धर्मपरिवर्तन
होता रहा .. एक नाव मे बैठकर २१
पारसी किसी तरह गुजरात के नवसारी जिले के
उद्वावाडा गांव मे पहुचे और आज पारसी सिर्फ
भारत मे ही गिनती की संख्या मे बचे है |
कांग्रेस के लोग कृपा करके
सोनिया गाँधी को समझाये की वो विभाजन काल
की ग़लती को ना दुहराएँ. जो इतिहास से कुछ
सीखता नही वो मिट जाता है.
सूरहावर्दी ने 1946 मे कलकत्ता मे हिंदुओं का क़त्ले
आम करने के लिए 24 मे से 22 पुलिस थाने मुस्लिम
अधिकारीओं और 2 अन्ग्लो इंडियन अधिकारीओं के
हवाले किया था यही हाल पूरे बंगाल का था.
हमारे केंद्रीय गृह सचिव यदि किसी महा भयंकर
षड्यंत्र को नही समझते तो उन्हे पद पर बना रहने
का अधिकार नही है.
26/11 के पाकिस्तानी हमले के समय कौन था मुंबई
का पुलिस सर्वोच्च अधिकारी और
कहाँ बैठा था क्या कर रहा था ज़रा सोचिए
गंभीरता से. इसकी भयानकता के बारे मे अंदाज
लगाना ही है तो इस देश की देशभक्त जनता पर
उपकर करने के लिए श्री माधव गोड़बोले आइ ए एस
भू. पु. केंद्रीय गृह सचिव की लिखित
"दी हॉलोकास्ट ऑफ इंडियन पार्टीशन: एन
इंक्वेस्ट" यह किताब पूरी संजीदगी से पढ़ें जिसमे
एक भी लफ़्ज बिना आधार के काल्पनिक
नही लिखा गया; आप आज उसी पद पर हैं. यह आदेश
जारी करके हिंदुओं के भावी क़त्ले आम
की सुविधा कर रहे हैं|
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उत्तर प्रदेश (यूपी): दरोगा भर्ती में मुसलमानों के लिए 18% कोटा
उत्तर प्रदेश (यूपी): दरोगा भर्ती में मुसलमानों के लिए 18% कोटा
लखनऊ।। उत्तर प्रदेश में होने जा रही पुलिस सब-इंस्पेक्टरों की भर्ती में राज्य सरकार सच्चर कमिटी की सिफारिशों का पालन करते हुए मुसलमानों को 18% रिजर्वेशन देगी। समाजवादी पार्टी ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में भी मुसलमानों को 18% रिजर्वेशन देने का वादा किया था।
गौरतलब है कि अभी केंद्र सरकार की ओर से सभी राज्यों को चिट्ठी लिखी गई थी और सच्चर कमिटी की सिफारिशों की याद दिलाते हुए मुस्लिम बहुल इलाकों में मुसलमान इंस्पेक्टर या सब-इंस्पेक्टर को तैनात करने के लिए कहा गया था।
दरोगा भर्ती में मुसलमानों को 18 प्रतिशत आरक्षण देने का एलान कर दिया है.
मुलायम सिंह जी की बहु सांसद बन गई उन्हों ने कहा था "महिला विधेयक बिल पास हो गया तो संसद में ऐसी ऐसी औरतें आएँगी जिन्हें देख के लोग सीटियाँ बजायेंगे " ...... दोगली मानसिकता का इससे बड़ा उदाहरण और क्या होगा ??
हे भगवान अब एक और बड़ा पार्क बनाएगी सपा
हाल ही में सत्ता में आई अखिलेश यादव सरकार ने लखनऊ में एक नए पार्क बनाने की घोषणा कर दी है। लखनऊ का यह विश्वस्तरीय पार्क दिवंगत समाजवादी नेता जनेश्वर मिश्र की स्मृति में बनेगा।
अब समाजवादी पार्टी के मुख्या के एक ही परिवार के सिर्फ 5 ही सदस्य सांसद हे ( समाज वादी के परिवार वादी )
http://navbharattimes.indiatimes.com/up-18-reservation-for-muslim-sub-inspector-recruitment/articleshow/13953906.cms
लखनऊ।। उत्तर प्रदेश में होने जा रही पुलिस सब-इंस्पेक्टरों की भर्ती में राज्य सरकार सच्चर कमिटी की सिफारिशों का पालन करते हुए मुसलमानों को 18% रिजर्वेशन देगी। समाजवादी पार्टी ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में भी मुसलमानों को 18% रिजर्वेशन देने का वादा किया था।
गौरतलब है कि अभी केंद्र सरकार की ओर से सभी राज्यों को चिट्ठी लिखी गई थी और सच्चर कमिटी की सिफारिशों की याद दिलाते हुए मुस्लिम बहुल इलाकों में मुसलमान इंस्पेक्टर या सब-इंस्पेक्टर को तैनात करने के लिए कहा गया था।
दरोगा भर्ती में मुसलमानों को 18 प्रतिशत आरक्षण देने का एलान कर दिया है.
मुलायम सिंह जी की बहु सांसद बन गई उन्हों ने कहा था "महिला विधेयक बिल पास हो गया तो संसद में ऐसी ऐसी औरतें आएँगी जिन्हें देख के लोग सीटियाँ बजायेंगे " ...... दोगली मानसिकता का इससे बड़ा उदाहरण और क्या होगा ??
हे भगवान अब एक और बड़ा पार्क बनाएगी सपा
हाल ही में सत्ता में आई अखिलेश यादव सरकार ने लखनऊ में एक नए पार्क बनाने की घोषणा कर दी है। लखनऊ का यह विश्वस्तरीय पार्क दिवंगत समाजवादी नेता जनेश्वर मिश्र की स्मृति में बनेगा।
अब समाजवादी पार्टी के मुख्या के एक ही परिवार के सिर्फ 5 ही सदस्य सांसद हे ( समाज वादी के परिवार वादी )
http://navbharattimes.indiatimes.com/up-18-reservation-for-muslim-sub-inspector-recruitment/articleshow/13953906.cms
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Wake up Hindus.
SBOA school in Chennai is run by the State Bank of India Officers association.
The principalss of the school is a Christian lady. When a Hindu teacher sang Hindu prayers, she was insulted in front of the children and suspended.
Wake up Hindus.
Suresh Chiplunkar, Jitendra Pratap Singh,
http://www.thehindu.com/news/cities/chennai/article3025885.ece
The principalss of the school is a Christian lady. When a Hindu teacher sang Hindu prayers, she was insulted in front of the children and suspended.
Wake up Hindus.
Suresh Chiplunkar, Jitendra Pratap Singh,
http://www.thehindu.com/news/cities/chennai/article3025885.ece
Friday, 8 June 2012
The first Christian Chief Minister of Andhra Pradesh,
The first Christian Chief Minister of Andhra Pradesh, the late Dr Y.S.Rajasekhara Reddy, with the consent of his I-command introduced subsidy for Christians of the state for their pilgrimages to Jerusalem and Holy Land.
That was Rs. 25,000 per person.
The government invited applications from Christians for construction of churches for which Rs. 2 lakhs would be given for each construction.
He also introduced a gift of Rs. 20,000 for every Christian marriage. There were several score government orders granting money for construction and repair of Churches & Mosques.
These were appealed against through Public Interest Litigation (PIL) before the High Court. The High Court stayed the government orders.
The Andhra Pradesh government appealed to the Supreme Court and after a year or so the stay was vacated. The subsidies and grants have been resumed. The PIL has not come for substantial hearing.
7. The Government of Andhra Pradesh gave Rs. 10 cr for construction of a Haj House in the center of Hyderabad from the government funds. It is now giving another Rs. 10 cr for construction of a second Haj House at the new international airport in Shamshabad.
8. While the Churches and Mosques of Christians & Muslims are not managed and administered by the Government of Andhra Pradesh over 30,000 Hindu temples are managed & administered by the GOAP. The Tirupati temple of Lord Venkateswara gets over Rs. 2000 cr every year and the other temples get about Rs. 600 cr .
There are about 30,000 government employees in the Hindu Religious Endowment Department which controls the Hindus temples. 14% of the temples revenues are taken into a Common Good Fund (CGF) which is administered totally by the Chief Minister alone. The Hindu Religious Endowment Department is made to give Rs. 30 laksh every year to the Mecca masjid in Hyderabad
That was Rs. 25,000 per person.
The government invited applications from Christians for construction of churches for which Rs. 2 lakhs would be given for each construction.
He also introduced a gift of Rs. 20,000 for every Christian marriage. There were several score government orders granting money for construction and repair of Churches & Mosques.
These were appealed against through Public Interest Litigation (PIL) before the High Court. The High Court stayed the government orders.
The Andhra Pradesh government appealed to the Supreme Court and after a year or so the stay was vacated. The subsidies and grants have been resumed. The PIL has not come for substantial hearing.
7. The Government of Andhra Pradesh gave Rs. 10 cr for construction of a Haj House in the center of Hyderabad from the government funds. It is now giving another Rs. 10 cr for construction of a second Haj House at the new international airport in Shamshabad.
8. While the Churches and Mosques of Christians & Muslims are not managed and administered by the Government of Andhra Pradesh over 30,000 Hindu temples are managed & administered by the GOAP. The Tirupati temple of Lord Venkateswara gets over Rs. 2000 cr every year and the other temples get about Rs. 600 cr .
There are about 30,000 government employees in the Hindu Religious Endowment Department which controls the Hindus temples. 14% of the temples revenues are taken into a Common Good Fund (CGF) which is administered totally by the Chief Minister alone. The Hindu Religious Endowment Department is made to give Rs. 30 laksh every year to the Mecca masjid in Hyderabad
पोर्न्ग्रेस ने सचिन तेंदुलकर के लिए रातोंरात कानून बदल दिए ..
मित्रों, नियम के अनुसार पहली बार चुने गए सांसदों को फ़्लैट एलाट होते है .. जो सांसद तीन या उससे ज्यादा बार सांसद चुने जाते है उन्हें बंगले एलाट होते हैं ...
फिर अगर कोई सांसद पांच बार से ज्यादा सांसद रहा हो और पूर्व मे केंद्रीय मंत्रीमंडल का सदस्य रहा हो उसे ही लुटियंस जोन मे बंगले एलाट हो सकते हैं ..
लेकिन नीच और भ्रष्ट पोर्न्ग्रेस ने कांग्रेस ने सचिन तेंदुलकर को पहली बार ही लुटियंस ज़ोन मे रौलविन्ची उर्फ भोदू युवराज के बंगले के ठीक सामने ५ तुगलक रोड वाला बंगला एलाट कर दिया | दलाल मीडिया भी इस बात पर मूह पर उंगली रखे बैठी है, और युहीं ही बैठी रहेगी, जब तक पोर्न्ग्रेसी इनको अपनी झूठन फेकीं हुई हड्डी चूसने को देते रहेंगे ||
हिन्दुओ अभी भी जागो
हिन्दुओ अभी भी जागो नही तो कल कहा जायगा मुस्लिम मामलों की जाँच मुस्लिम सीबीआई अफसर व मुस्लिम जज ही करेंगे-मुस्लिम इलाकों के MP,MLA की सीट इनके लिए सुरक्षित कर दी जायगी-यह असली आतंकवाद है| भारत में हर जगह मुस्लिमों को आरक्षण देने और हिन्दुओं की उनका गुलाम बनाने की साजिश| किस मुस्लिम देश में गैर मुस्लिमों को ऐसी सुविधा या आरक्षण मिलता है?
पढ़िए और शेयर कीजिये.
I READ, AMIR DID LOT OF SACRIFICES IN TERMS OF MONEY TO DO SATYAMEV JAYATHE, Quit brand contracts, delayed his movies, paid penalty for leaving Brands etc..!!! SO LET ME TAKE THOSE PEOPLE TO SATYAMEV JAYATHE TOUR...WHAT IS SATYAMEV JAYATHE...???
Surf Google n check, Satyamev Jayathe is charging highest ever Advertising Slot - 10 lakh for 10 Second...!
2nd Highest is IPL that is just 4 Lakhs for 10 Sec...!! (See the difference from 1st n 2nd)
Satyamev Jayathe is One n Half hour Show where 30 minuites dedicated for Advertisement.
So 30 Min (1800 Seconds ) * 1 Lakh = 18 Crore per episode from one channel n its been aired on 2 Channels at a time. Star Plus and Doordarshan . So 18 * 2 = 36 Crore
SATYAMEV JAYATHE - Amir Khan Productions :
OVERALL COST :
6.25 Crore per episode * 16 Episodes = 100 Crore
(Including Making, Research, Promotions)
OVERALL INCOME :
36 Crore (from Advertisement) * 16 Episodes = 576 Crores + 66 Crore (Sponsors) = 642 Crore
SATYAMEV JAYATHE'S INCOME = 642 Crore
SATYAMEV JAYATHE = 642 Crore for Amir Khan's just 16 hours of time. Apart from this there
is lot other Incomes involved like Number of hits for their websites, reaching highest TRP etc.
and don't get confused with 3 Cr which he is paid by Star Plus Channel, Itz for hosting the SMJ
show by himself in their Channel instead of hiring other Anchors.
Out of 642 Crore what would be Amir's share,
As Amir and his wife are the Producers..,
Amir is the one whz Hosting the Show..
Amir is the one who is involved in Promotions...
To put it in a right way, i must ask hw much wud he give to Star Plus n Doordarshan..?? As per present Standard Seasonal Show's Rate it wud not be more than 250 Crores!!
SO WHAT WUD AMIR GET..?? 350+ CRORE...!! INDIANS ARE THINKING ITS A SOCIAL SERVICE. NONE OF THE INDIAN TV SHOWS HAVE NOT EVER MADE THIS PROFIT IN ONE SEASON
and Remember,
For Contracts he shud be tied up with the Brands for years...
For Movie he shud work atlest for months.... n In-return hw much he will get paid 10-15 Crore (per brand or per movie). But here its minimum of 350+ Crores just for his 16 hours being in the show n 10 hours of Interviews AND "Fame as Social worker" is an bonus part..!!...
Do you think he had spent more time for this show..? Then plz try to recall memory, apart from the Title song and Advertisement, Amir Khan was not personally found in any Victim's houses doing research. Its his AKP and Star Plus team whz doing it.
If u r intelligent enuf then cud have easily understand by the point, why wud be anyone ready to pay 23 Crore as a Penalty just to pass a message for a Society thru TV Show.
Moreoveer Its been said he was working on Project since years. In tat case anyone wud have planned accordingly to quit the Brands early and avoided penalty..!!
DEAR-ONES..LETS USE OUR BRAINS..SURF GOOGLE, GET THE FACTS OUT..READ
HOW IT WORKS, CALCULATE BY UR-SELF. DON'T JUST BELIEVE IN COPY PASTE OR SHARED THING.
SATYAMEV JAYATHE IS NOTHING BUT PROFIT MAKING BUSINESS..Sorry I correct myself..HUGE PROFIT MAKING BUSINESS.
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2nd Highest is IPL that is just 4 Lakhs for 10 Sec...!! (See the difference from 1st n 2nd)
Satyamev Jayathe is One n Half hour Show where 30 minuites dedicated for Advertisement.
So 30 Min (1800 Seconds ) * 1 Lakh = 18 Crore per episode from one channel n its been aired on 2 Channels at a time. Star Plus and Doordarshan . So 18 * 2 = 36 Crore
SATYAMEV JAYATHE - Amir Khan Productions :
OVERALL COST :
6.25 Crore per episode * 16 Episodes = 100 Crore
(Including Making, Research, Promotions)
OVERALL INCOME :
36 Crore (from Advertisement) * 16 Episodes = 576 Crores + 66 Crore (Sponsors) = 642 Crore
SATYAMEV JAYATHE'S INCOME = 642 Crore
SATYAMEV JAYATHE = 642 Crore for Amir Khan's just 16 hours of time. Apart from this there
is lot other Incomes involved like Number of hits for their websites, reaching highest TRP etc.
and don't get confused with 3 Cr which he is paid by Star Plus Channel, Itz for hosting the SMJ
show by himself in their Channel instead of hiring other Anchors.
Out of 642 Crore what would be Amir's share,
As Amir and his wife are the Producers..,
Amir is the one whz Hosting the Show..
Amir is the one who is involved in Promotions...
To put it in a right way, i must ask hw much wud he give to Star Plus n Doordarshan..?? As per present Standard Seasonal Show's Rate it wud not be more than 250 Crores!!
SO WHAT WUD AMIR GET..?? 350+ CRORE...!! INDIANS ARE THINKING ITS A SOCIAL SERVICE. NONE OF THE INDIAN TV SHOWS HAVE NOT EVER MADE THIS PROFIT IN ONE SEASON
and Remember,
For Contracts he shud be tied up with the Brands for years...
For Movie he shud work atlest for months.... n In-return hw much he will get paid 10-15 Crore (per brand or per movie). But here its minimum of 350+ Crores just for his 16 hours being in the show n 10 hours of Interviews AND "Fame as Social worker" is an bonus part..!!...
Do you think he had spent more time for this show..? Then plz try to recall memory, apart from the Title song and Advertisement, Amir Khan was not personally found in any Victim's houses doing research. Its his AKP and Star Plus team whz doing it.
If u r intelligent enuf then cud have easily understand by the point, why wud be anyone ready to pay 23 Crore as a Penalty just to pass a message for a Society thru TV Show.
Moreoveer Its been said he was working on Project since years. In tat case anyone wud have planned accordingly to quit the Brands early and avoided penalty..!!
DEAR-ONES..LETS USE OUR BRAINS..SURF GOOGLE, GET THE FACTS OUT..READ
HOW IT WORKS, CALCULATE BY UR-SELF. DON'T JUST BELIEVE IN COPY PASTE OR SHARED THING.
SATYAMEV JAYATHE IS NOTHING BUT PROFIT MAKING BUSINESS..Sorry I correct myself..HUGE PROFIT MAKING BUSINESS.
लेकिन प्रशानिक कार्यवाही मैं एकतरफा 171 मुक़दमे दर्ज किये गए
दैनिक जागरण के ५ जून के पृष्ठ संख्या ३ पर प्रकाशित समाचार जिसमें अधिकाँश हिन्दुओं को ही दोषी मानकर उनके खिलाफ मुक़दमे लिखे गए जिस प्रकरण मैं कई लोगो को बंद कर दिया गया ऐसा जान पड़ता था की जैसे सांप्रदायिक एवं लक्षित हिंसा रोकथाम अधिनियम जैसे हिन्दू विरोधी अधिनियम के तहत हिन्दुओं को बहुसंख्यक तथा मुस्लिम को अल्पसंख्यक मान कर केवल हिन्दुओं के विरुद्ध एक तरफ़ा कार्यवाही की जा रही हो l
एक मुस्लिम बस्ती से घटना की शुरुवात हुई, शुक्रवार को मुस्लिम नमाज अदायगी के बाद आ रहे थे जिसके बाद यह घटना हुयी तोह क्या इसमें हिन्दुओं की संलिप्तता अधिक होनी चाहिए या मुस्लिमो की जिन्होंने इस घटना की शुरुआत की ??????
लेकिन प्रशानिक कार्यवाही मैं एकतरफा 171 मुक़दमे दर्ज किये गए और 1220 अज्ञात के खिलाफ मुक़दमे लिखे संभवतः यह 1220 वो हो सकते है जिनको पुलिस बाद मैं अपनी सूचि मैं डाले यदि कोई भी हिन्दू भाई मिले और उसको पकड़ कर उसके विरुद्ध कार्यवाही की जाये तथा यह 1220 की सूचि पूरी हो सके l
एक मुस्लिम बस्ती से घटना की शुरुवात हुई, शुक्रवार को मुस्लिम नमाज अदायगी के बाद आ रहे थे जिसके बाद यह घटना हुयी तोह क्या इसमें हिन्दुओं की संलिप्तता अधिक होनी चाहिए या मुस्लिमो की जिन्होंने इस घटना की शुरुआत की ??????
लेकिन प्रशानिक कार्यवाही मैं एकतरफा 171 मुक़दमे दर्ज किये गए और 1220 अज्ञात के खिलाफ मुक़दमे लिखे संभवतः यह 1220 वो हो सकते है जिनको पुलिस बाद मैं अपनी सूचि मैं डाले यदि कोई भी हिन्दू भाई मिले और उसको पकड़ कर उसके विरुद्ध कार्यवाही की जाये तथा यह 1220 की सूचि पूरी हो सके l
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कोसी
जो हिंदू इस घमंड मे जी रहे है कि अरबो सालो से सनातन धर्म है
जो कौम इतिहास से नही सीखती वो बर्बाद होकर मिट्टी मे मिल जाती है |
जो हिंदू इस घमंड मे जी रहे है कि अरबो सालो से सनातन धर्म है और इसे कोई नही मिटा सकता मै उन्हें मुर्ख और बेवकूफ ही समझता हूँ |
आखिर अफगानीस्तान से हिंदू क्यों मिट गया ?
काबुल जो भगवान राम के पुत्र कुश का बनाया शहर था आज वहाँ एक भी मंदिर नही बचा |
गंधार जिसका विवरण महाभारत मे है जहां की रानी गांधारी थी आज उसका नाम कंधार हो चूका है और वहाँ आज एक भी हिंदू नही बचा |
कम्बोडिया जहां राजा सूर्य देव बर्मन ने दुनिया का सबसे बड़ा मंदिर अंकोरवाट बनाया आज वहा भी हिंदू नही है |
बाली द्वीप मे २० साल पहले तक ९०% हिंदू थे आज सिर्फ २०% बचे |
कश्मीर घाटी मे सिर्फ २० साल पहले ५०% हिंदू थे , आज एक भी हिंदू नही बचा |
केरल मे १० साल पहले तक ६०% जनसंख्या हिन्दुओ की थी आज सिर्फ १०% हिंदू केरल मे है |
नोर्थ ईस्ट जैसे सिक्किम, नागालैंड , आसाम आदि मे हिंदू हर रोज मारे या भगाए जाते है या उनका धर्मपरिवर्तन हो रहा है |
मित्रों, १५६९ तक ईरान का नाम पारस या पर्शिया होता था और वहाँ एक भी मुस्लिम नही था सिर्फ पारसी रहते थे .. जब पारस पर मुस्लिमो का आक्रमण होता था तब पारसी बूढ़े बुजुर्ग अपने नौजवान को यही सिखाते थे की हमे कोई मिटा नही सकता .
लेकिन ईरान से सारे के सारे पारसी मिटा दिये गए .. धीरे धीरे उनका कत्लेआम और धर्मपरिवर्तन होता रहा .. एक नाव मे बैठकर २१ पारसी किसी तरह गुजरात के नवसारी जिले के उद्वावाडा गांव मे पहुचे और आज पारसी सिर्फ भारत मे ही गिनती की संख्या मे बचे है |
कांग्रेस के लोग कृपा करके सोनिया गाँधी को समझाये की वो विभाजन काल की ग़लती को ना दुहराएँ. जो इतिहास से कुछ सीखता नही वो मिट जाता है.
सूरहावर्दी ने 1946 मे कलकत्ता मे हिंदुओं का क़त्ले आम करने के लिए 24 मे से 22 पुलिस थाने मुस्लिम अधिकारीओं और 2 अन्ग्लो इंडियन अधिकारीओं के हवाले किया था यही हाल पूरे बंगाल का था. हमारे केंद्रीय गृह सचिव यदि किसी महा भयंकर षड्यंत्र को नही समझते तो उन्हे पद पर बना रहने का अधिकार नही है.
26/11 के पाकिस्तानी हमले के समय कौन था मुंबई का पुलिस सर्वोच्च अधिकारी और कहाँ बैठा था क्या कर रहा था ज़रा सोचिए गंभीरता से. इसकी भयानकता के बारे मे अंदाज लगाना ही है तो इस देश की देशभक्त जनता पर उपकर करने के लिए श्री माधव गोड़बोले आइ ए एस भू. पु. केंद्रीय गृह सचिव की लिखित "दी हॉलोकास्ट ऑफ इंडियन पार्टीशन: एन इंक्वेस्ट" यह किताब पूरी संजीदगी से पढ़ें जिसमे एक भी लफ़्ज बिना आधार के काल्पनिक नही लिखा गया; आप आज उसी पद पर हैं. यह आदेश जारी करके हिंदुओं के भावी क़त्ले आम की सुविधा कर रहे हैं.
जो हिंदू इस घमंड मे जी रहे है कि अरबो सालो से सनातन धर्म है और इसे कोई नही मिटा सकता मै उन्हें मुर्ख और बेवकूफ ही समझता हूँ |
आखिर अफगानीस्तान से हिंदू क्यों मिट गया ?
काबुल जो भगवान राम के पुत्र कुश का बनाया शहर था आज वहाँ एक भी मंदिर नही बचा |
गंधार जिसका विवरण महाभारत मे है जहां की रानी गांधारी थी आज उसका नाम कंधार हो चूका है और वहाँ आज एक भी हिंदू नही बचा |
कम्बोडिया जहां राजा सूर्य देव बर्मन ने दुनिया का सबसे बड़ा मंदिर अंकोरवाट बनाया आज वहा भी हिंदू नही है |
बाली द्वीप मे २० साल पहले तक ९०% हिंदू थे आज सिर्फ २०% बचे |
कश्मीर घाटी मे सिर्फ २० साल पहले ५०% हिंदू थे , आज एक भी हिंदू नही बचा |
केरल मे १० साल पहले तक ६०% जनसंख्या हिन्दुओ की थी आज सिर्फ १०% हिंदू केरल मे है |
नोर्थ ईस्ट जैसे सिक्किम, नागालैंड , आसाम आदि मे हिंदू हर रोज मारे या भगाए जाते है या उनका धर्मपरिवर्तन हो रहा है |
मित्रों, १५६९ तक ईरान का नाम पारस या पर्शिया होता था और वहाँ एक भी मुस्लिम नही था सिर्फ पारसी रहते थे .. जब पारस पर मुस्लिमो का आक्रमण होता था तब पारसी बूढ़े बुजुर्ग अपने नौजवान को यही सिखाते थे की हमे कोई मिटा नही सकता .
लेकिन ईरान से सारे के सारे पारसी मिटा दिये गए .. धीरे धीरे उनका कत्लेआम और धर्मपरिवर्तन होता रहा .. एक नाव मे बैठकर २१ पारसी किसी तरह गुजरात के नवसारी जिले के उद्वावाडा गांव मे पहुचे और आज पारसी सिर्फ भारत मे ही गिनती की संख्या मे बचे है |
कांग्रेस के लोग कृपा करके सोनिया गाँधी को समझाये की वो विभाजन काल की ग़लती को ना दुहराएँ. जो इतिहास से कुछ सीखता नही वो मिट जाता है.
सूरहावर्दी ने 1946 मे कलकत्ता मे हिंदुओं का क़त्ले आम करने के लिए 24 मे से 22 पुलिस थाने मुस्लिम अधिकारीओं और 2 अन्ग्लो इंडियन अधिकारीओं के हवाले किया था यही हाल पूरे बंगाल का था. हमारे केंद्रीय गृह सचिव यदि किसी महा भयंकर षड्यंत्र को नही समझते तो उन्हे पद पर बना रहने का अधिकार नही है.
26/11 के पाकिस्तानी हमले के समय कौन था मुंबई का पुलिस सर्वोच्च अधिकारी और कहाँ बैठा था क्या कर रहा था ज़रा सोचिए गंभीरता से. इसकी भयानकता के बारे मे अंदाज लगाना ही है तो इस देश की देशभक्त जनता पर उपकर करने के लिए श्री माधव गोड़बोले आइ ए एस भू. पु. केंद्रीय गृह सचिव की लिखित "दी हॉलोकास्ट ऑफ इंडियन पार्टीशन: एन इंक्वेस्ट" यह किताब पूरी संजीदगी से पढ़ें जिसमे एक भी लफ़्ज बिना आधार के काल्पनिक नही लिखा गया; आप आज उसी पद पर हैं. यह आदेश जारी करके हिंदुओं के भावी क़त्ले आम की सुविधा कर रहे हैं.
मुसलमानों , कांग्रेस की नीच और गंदी चाल को समझो .
कांग्रेस सिर्फ मुसलमानों को मुर्ख बनाती रहती है ..
जिस जिस राज्यों मे कांग्रेस सत्ता पर है वहाँ कांग्रेस किसी मुस्लिम को मुख्यमंत्री क्यों नही बनाती ?
आज दिल्ली, राजस्थान, महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश, केरल, असाम, सिक्किम, मणिपुर, जैसे राज्यों मे जिसमे कांग्रेस सत्ता पर है वहाँ कोई मुस्लिम कांग्रेस को इस लायक नही मिलता जिसे मुख्यमंत्री बनाया जा सके ?
मुसलमानों , कांग्रेस की नीच और गंदी चाल को समझो .. ये कांग्रेस सिर्फ यही चाहती है की मुस्लिम सोनिया और राहुल की सभाओ मे ताली बजाते रहे .. और फिर कांग्रेस उन्हें बजाने के लिए ऐसा झुनझुना दे जिसमे बजने के लिए कोई चीज ही न हो ..
जैसे कांग्रेस अच्छी तरह समझती थी की सम्विधान मे संसोधन किये बिना मुस्लिम आरक्षण देना सम्भव नही है . और सम्विधान मे तभी संसोधन हो सकता है जब दोनों सदनों के कांग्रेस का बहुमत हो .. कांग्रेस राज्यसभा मे बहुमत से कोसो दूर है फिर भी कांग्रेस ने मुसलमानों को मुर्ख समझते हुए मुस्लिम आरक्षण का झुनझुना थमा दिया जिस पर आन्ध्रप्रदेश हाईकोर्ट ने रोक लगा दिया |
फिर कांग्रेस ने मुसलमानों को एक नया झुनझुना दिया है की मुस्लिम इलाको मे मुस्लिम पुलिस ही तैनात किये जाये ..
ये भी सम्भव नही है क्योकि पुलिस की तैनाती राज्य सरकारों का विशेषाधिकार है और सम्विधान के अनुसार केन्द्र या कांग्रेस किसी भी राज्यसरकार को ऐसे आदेश नही दे सकती .
यानी फिर कांग्रेस मुसलमानों को सिर्फ और सिर्फ मुर्ख बना रही है |
अगर कांग्रेस सच मे मुस्लिमो का हमदर्द है तो फिर राहुल गाँधी खतना करवाकर इस्लाम क्यों नही कुबूल कर लेते ? आखिर नकली गांधियो के खानदान मे सभी धर्मो के लोग है तो फिर राहुल गाँधी को इस्लाम कुबूल करने मे क्या परेशानी है ?
वैसे भी आज गाँधी खानदान मे कोई भी मुस्लिम सदस्य नही है .. राबर्ट ईसाई है .. सोनिया ईसाई है . मेनका सिख्ख है .. तो फिर मुसलमानों के साथ इतनी बेइंसाफी क्यों ?
अब वक्त आ गया है कोई भी मुस्लिम कांग्रेस को सही मायने के तभी मुसलमानों का हमदर्द मानेगा जब जामा मस्जिद मे जाकर राहुल गाँधी इस्लाम कुबूल करे |
जिस जिस राज्यों मे कांग्रेस सत्ता पर है वहाँ कांग्रेस किसी मुस्लिम को मुख्यमंत्री क्यों नही बनाती ?
आज दिल्ली, राजस्थान, महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश, केरल, असाम, सिक्किम, मणिपुर, जैसे राज्यों मे जिसमे कांग्रेस सत्ता पर है वहाँ कोई मुस्लिम कांग्रेस को इस लायक नही मिलता जिसे मुख्यमंत्री बनाया जा सके ?
मुसलमानों , कांग्रेस की नीच और गंदी चाल को समझो .. ये कांग्रेस सिर्फ यही चाहती है की मुस्लिम सोनिया और राहुल की सभाओ मे ताली बजाते रहे .. और फिर कांग्रेस उन्हें बजाने के लिए ऐसा झुनझुना दे जिसमे बजने के लिए कोई चीज ही न हो ..
जैसे कांग्रेस अच्छी तरह समझती थी की सम्विधान मे संसोधन किये बिना मुस्लिम आरक्षण देना सम्भव नही है . और सम्विधान मे तभी संसोधन हो सकता है जब दोनों सदनों के कांग्रेस का बहुमत हो .. कांग्रेस राज्यसभा मे बहुमत से कोसो दूर है फिर भी कांग्रेस ने मुसलमानों को मुर्ख समझते हुए मुस्लिम आरक्षण का झुनझुना थमा दिया जिस पर आन्ध्रप्रदेश हाईकोर्ट ने रोक लगा दिया |
फिर कांग्रेस ने मुसलमानों को एक नया झुनझुना दिया है की मुस्लिम इलाको मे मुस्लिम पुलिस ही तैनात किये जाये ..
ये भी सम्भव नही है क्योकि पुलिस की तैनाती राज्य सरकारों का विशेषाधिकार है और सम्विधान के अनुसार केन्द्र या कांग्रेस किसी भी राज्यसरकार को ऐसे आदेश नही दे सकती .
यानी फिर कांग्रेस मुसलमानों को सिर्फ और सिर्फ मुर्ख बना रही है |
अगर कांग्रेस सच मे मुस्लिमो का हमदर्द है तो फिर राहुल गाँधी खतना करवाकर इस्लाम क्यों नही कुबूल कर लेते ? आखिर नकली गांधियो के खानदान मे सभी धर्मो के लोग है तो फिर राहुल गाँधी को इस्लाम कुबूल करने मे क्या परेशानी है ?
वैसे भी आज गाँधी खानदान मे कोई भी मुस्लिम सदस्य नही है .. राबर्ट ईसाई है .. सोनिया ईसाई है . मेनका सिख्ख है .. तो फिर मुसलमानों के साथ इतनी बेइंसाफी क्यों ?
अब वक्त आ गया है कोई भी मुस्लिम कांग्रेस को सही मायने के तभी मुसलमानों का हमदर्द मानेगा जब जामा मस्जिद मे जाकर राहुल गाँधी इस्लाम कुबूल करे |
सवाल यह है कि हम इन्हें कैसे सहन कर रहे हैं.
आज मुस्लिम इंस्पेक्टर, कल मुस्लिम थाना, फिर मुस्लिम पुलिस, फिर मुस्लिम न्याय संहिता, फिर मुस्लिम न्यायालय, फिर मुस्लिम न्यायाधीश, फिर मुस्लिम फौज, फिर मुस्लिम राज्य, फिर देश का बंटवारा - यही चाहत है सच्चर समिति , सोनिया गांधी-मनमोहन सिंह, कांग्रेस और धर्म निरपेक्षता का दंभ भरने वाले राजनीतिज्ञों और बुद्धिजीवियों की. सवाल यह है कि हम इन्हें कैसे सहन कर रहे हैं.
ये भ्रष्ट है, ये देश तोडू हैं, ये जनता को धोखा देने वाले हैं, इनकी कोई सोच नहीं है, इनका कोई दर्शन नहीं है. इनके खुद के कोई विचार नहीं हैं ये आचरण से कहीं से भी भारतीय नज़र नहीं आते और देश का दुर्भाग्य तो देखो ये सत्ता के सर्वोच्च पदों पर काबिज हैं. हे भगवान्! मेरे देश की रक्षा करना.
ये भ्रष्ट है, ये देश तोडू हैं, ये जनता को धोखा देने वाले हैं, इनकी कोई सोच नहीं है, इनका कोई दर्शन नहीं है. इनके खुद के कोई विचार नहीं हैं ये आचरण से कहीं से भी भारतीय नज़र नहीं आते और देश का दुर्भाग्य तो देखो ये सत्ता के सर्वोच्च पदों पर काबिज हैं. हे भगवान्! मेरे देश की रक्षा करना.
तारानगर में हिंसा का तांडव पर शासन-प्रशासन ने हिन्दुओं की सुध तक नहीं ली
तारानगर में हिंसा का तांडव पर शासन-प्रशासन ने हिन्दुओं की सुध तक नहीं ली
पश्चिम बंगाल के हालात सुश्री ममता बनर्जी के नियंत्रण में नहीं हैं।
माओवादियों और मुस्लिमों के प्रचण्ड समर्थन से वामपंथियों को सत्ता से उखाड़कर मुख्यमंत्री बनीं सुश्री ममता बनर्जी के लिए यही दोनों वर्ग सिरदर्द का कारण बन गए हैं। एक तरफ माओवादी हथियार नहीं डाल रहे हैं तो दूसरी तरफ कट्टर मुस्लिम भी उग्र हो रहे हैं।
तारानगर में गत 14 मई को लगभग 2000 उग्र भीड़ ने हिंसा का जो तांडव रचा उससे स्पष्ट हो रहा है कि उन्हें किसी का भय नहीं है और प्रशासन भी उनके विरुद्ध असहाय है।
दक्षिण 24 परगना जिले के जॉयनगर थानान्तर्गत तारानगर गांव में गत 14 मई की सुबह 11 बजे से लेकर देर रात तक इन उपद्रवियों ने हिन्दुओं को बंधक बनाकर रखा, घरों में लूटपाट की, महिलाओं की अस्मत लूटी और 53 घरों को आग के हवाले कर दिया।
आतंकित शेष सभी हिन्दू परिवार अपना घर-बार छोड़कर भाग गए और अब तक वापस नहीं लौटे हैं। पर इतनी भीषण और बर्बर घटना के बावजूद मुख्यमंत्री और उनके मंत्रिमण्डलीय सदस्य या सांसद, विधायक तो दूर पंचायत अध्यक्ष, पंचायत प्रतिनिधि या निचले स्तर के प्रशासनिक अधिकारियों तक ने गांव जाकर पीड़ितों के हालात जानने तक की कोशिश नहीं की, राहत और सहायता पहुंचाना तो बहुत दूर की बात है।
यह सारा घटनाक्रम शौकत खान नामक एक व्यक्ति की उसी दिन सुबह हुई राजनीतिक हत्या की प्रतिक्रियास्वरूप घटा। माना जा रहा है कि 10 साल पहले हुई भाकपा नेता बिमल हलधर की हत्या का बदला लेने के लिए शौकत खान की हत्या की गई। पर इस हत्या से उपजे आक्रोश का निशाना बने तारानगर के निर्दोष और निरपराध हिन्दू।
उग्र गुण्डों ने लूट, आगजनी और हिंसा के दौरान पुलिस के सामने ही दो महिलाओं का अपहरण कर लिया। बाद में ये महिलाएं शौकत खान के घर की छत से बरामद की गईं। चेन से इनके हाथ-पैर बंधे थे, मुंह में कपड़ा ठूंसा हुआ था, पर सामूहिक बलात्कार का शिकार इन महिलाओं को पुलिस अस्पताल तक नहीं ले गई। अब ये महिलाएं कहां हैं, किसी को पता नहीं।
तारानगर गांव की स्थिति इतनी भयावह है कि अधिकांश लोग(186 Hindus (young and old) from 56 families) घर छोड़कर भाग गए हैं, कहां हैं पता नहीं, गांव वापस लौटेंगे या नहीं, यह भी पता नहीं। जो कुछेक लोग बचे हैं वे सामूहिक रूप से खाना बनाते हैं और खुले में सोने को मजबूर हैं। इन लोगों के लिए चावल या थोड़ा-बहुत राशन पास के हिन्दू समाज ने ही पहुंचाया। पर 15 दिन बीत जाने के बाद तक शासन-प्रशासन ने उनकी सुध तक नहीं ली, क्योंकि- वे हिन्दू जो हैं!!
पश्चिम बंगाल के हालात सुश्री ममता बनर्जी के नियंत्रण में नहीं हैं।
माओवादियों और मुस्लिमों के प्रचण्ड समर्थन से वामपंथियों को सत्ता से उखाड़कर मुख्यमंत्री बनीं सुश्री ममता बनर्जी के लिए यही दोनों वर्ग सिरदर्द का कारण बन गए हैं। एक तरफ माओवादी हथियार नहीं डाल रहे हैं तो दूसरी तरफ कट्टर मुस्लिम भी उग्र हो रहे हैं।
तारानगर में गत 14 मई को लगभग 2000 उग्र भीड़ ने हिंसा का जो तांडव रचा उससे स्पष्ट हो रहा है कि उन्हें किसी का भय नहीं है और प्रशासन भी उनके विरुद्ध असहाय है।
दक्षिण 24 परगना जिले के जॉयनगर थानान्तर्गत तारानगर गांव में गत 14 मई की सुबह 11 बजे से लेकर देर रात तक इन उपद्रवियों ने हिन्दुओं को बंधक बनाकर रखा, घरों में लूटपाट की, महिलाओं की अस्मत लूटी और 53 घरों को आग के हवाले कर दिया।
आतंकित शेष सभी हिन्दू परिवार अपना घर-बार छोड़कर भाग गए और अब तक वापस नहीं लौटे हैं। पर इतनी भीषण और बर्बर घटना के बावजूद मुख्यमंत्री और उनके मंत्रिमण्डलीय सदस्य या सांसद, विधायक तो दूर पंचायत अध्यक्ष, पंचायत प्रतिनिधि या निचले स्तर के प्रशासनिक अधिकारियों तक ने गांव जाकर पीड़ितों के हालात जानने तक की कोशिश नहीं की, राहत और सहायता पहुंचाना तो बहुत दूर की बात है।
यह सारा घटनाक्रम शौकत खान नामक एक व्यक्ति की उसी दिन सुबह हुई राजनीतिक हत्या की प्रतिक्रियास्वरूप घटा। माना जा रहा है कि 10 साल पहले हुई भाकपा नेता बिमल हलधर की हत्या का बदला लेने के लिए शौकत खान की हत्या की गई। पर इस हत्या से उपजे आक्रोश का निशाना बने तारानगर के निर्दोष और निरपराध हिन्दू।
उग्र गुण्डों ने लूट, आगजनी और हिंसा के दौरान पुलिस के सामने ही दो महिलाओं का अपहरण कर लिया। बाद में ये महिलाएं शौकत खान के घर की छत से बरामद की गईं। चेन से इनके हाथ-पैर बंधे थे, मुंह में कपड़ा ठूंसा हुआ था, पर सामूहिक बलात्कार का शिकार इन महिलाओं को पुलिस अस्पताल तक नहीं ले गई। अब ये महिलाएं कहां हैं, किसी को पता नहीं।
तारानगर गांव की स्थिति इतनी भयावह है कि अधिकांश लोग(186 Hindus (young and old) from 56 families) घर छोड़कर भाग गए हैं, कहां हैं पता नहीं, गांव वापस लौटेंगे या नहीं, यह भी पता नहीं। जो कुछेक लोग बचे हैं वे सामूहिक रूप से खाना बनाते हैं और खुले में सोने को मजबूर हैं। इन लोगों के लिए चावल या थोड़ा-बहुत राशन पास के हिन्दू समाज ने ही पहुंचाया। पर 15 दिन बीत जाने के बाद तक शासन-प्रशासन ने उनकी सुध तक नहीं ली, क्योंकि- वे हिन्दू जो हैं!!
Thursday, 7 June 2012
Wednesday, 6 June 2012
शाहरुख़ खान की कलकता टीम में मुस्लिम लड़के ही क्यों ?
शाहरुख़ खान की कलकता टीम में मुस्लिम लड़के ही क्यों ?
टीम का कोच वासिम अकरम पाकिस्तानी मुल्ला ही क्यों ?
पाकिस्तान में बाड पीडितो को सहायता क्यों क्या भारत में भुकंभ और बाद पीड़ित नहीं हे क्या ?
भारत में आई . पी .एल . के लिए पाकिस्तानी खिलाडियों की पेरवी क्यों ?
हिन्दू विरोधी जाकिर नायक से क्या रिश्ता
शाहरुख़ का एक खिलाडी आतंकी के संपर्क में केसे ??
ये आई.पी एल के जरिये आतंकियों का का पैसा भारत में ला रहा हे
ये आतंक वादी हे जिहादियो का एजेंट हे
Tuesday, 5 June 2012
How Hindus voting for SP have ensured a Taliban raj.
How Hindus voting for SP have ensured a Taliban raj.
The Jehadis, who were on run under BSP Govt., want to come out and do a "Safe Surrender" as soon as SP Govt. has come to power.
The Jehadis, who were on run under BSP Govt., want to come out and do a "Safe Surrender" as soon as SP Govt. has come to power.
एक तो विधायक, और तो और 2 साल की बच्ची की माँ… इतनी "मूर्ख"
एक तो विधायक, और तो और 2 साल की बच्ची की माँ… इतनी "मूर्ख" (या क्रूर) कैसे हो सकती है, कि वह एक मामूली से क्लर्क से फ़ेसबुक पर दोस्ती भी कर ले, अपने पति और बच्ची को छोड़कर घर से भाग जाए और इस्लाम भी कबूल कर ले…
माना, कि लड़कियों और महिलाओं को बातों में उलझाकर बेवकूफ़ बनाना आसान है (खासकर लव-जिहादियों के लिए), परन्तु दो साल की दूधपीती बच्ची को छोड़कर भागना, और निकाह पढ़ना, सिर्फ़ "बेवकूफ़ी" नहीं कुछ और ही है…
(सन्दर्भ : असम की विधायक डॉ रूमी सिंह और ज़ाकिर हुसैन का निकाह…)
===========
फ़िलहाल रूमी के पति और ज़ाकिर के पिता दोनों ने ही गुमशुदगी की रिपोर्ट डाल रखी है, मामले की संवेदनशीलता और तनाव को देखते हुए, सिलचर और करीमगंज में CRPF की अतिरिक्त टुकड़ियाँ तैनात कर दी गई हैं… क्योंकि इस "तथाकथित निकाह" में असम के ही एक मंत्री सिद्दीक अहमद ने ही गुपचुप तरीके से दो काज़ियों की व्यवस्था करवाई थी…
माना, कि लड़कियों और महिलाओं को बातों में उलझाकर बेवकूफ़ बनाना आसान है (खासकर लव-जिहादियों के लिए), परन्तु दो साल की दूधपीती बच्ची को छोड़कर भागना, और निकाह पढ़ना, सिर्फ़ "बेवकूफ़ी" नहीं कुछ और ही है…
(सन्दर्भ : असम की विधायक डॉ रूमी सिंह और ज़ाकिर हुसैन का निकाह…)
===========
फ़िलहाल रूमी के पति और ज़ाकिर के पिता दोनों ने ही गुमशुदगी की रिपोर्ट डाल रखी है, मामले की संवेदनशीलता और तनाव को देखते हुए, सिलचर और करीमगंज में CRPF की अतिरिक्त टुकड़ियाँ तैनात कर दी गई हैं… क्योंकि इस "तथाकथित निकाह" में असम के ही एक मंत्री सिद्दीक अहमद ने ही गुपचुप तरीके से दो काज़ियों की व्यवस्था करवाई थी…
Monday, 4 June 2012
कटु सत्यमेव जयते
कटु सत्यमेव जयते
क्या ये साम्प्रदायिकता नहीं हैं ???
दिल्ली उच्च न्यायालय ने गत 20 अप्रैल को यह ऐतिहासिक फैसला देते हुए कहा है कि मुसलमान नमाज पढ़ें लेकिन अपनी मस्जिद के परिसर के अंदर न कि बाहर पूरी सड़क पर। न्यायालय ने कहा है कि नमाज पढ़ने के लिए सार्वजनिक सड़क या गलियों को घेरना गैरकानूनी है और पुलिस को चाहिए कि वह ऐसी गतिविधियों को रोके। ध्यान देने की बात यह है कि न्यायालय ने यह निर्णय जनवरी, 2009 में ही दिया था, परंतु पुलिस मुसलमानों को सड़कों पर नमाज पढ़ने से नहीं रोक पाई, तब स्थानीय निवासी दोबारा न्यायालय में गए थे। हालांकि पुलिस ने इसपर अपनी असमर्थता व्यक्त की है कि उसके पास इतने लोग नहीं। परंतु इसके बावजूद न्यायालय के इस आदेश की बिना पर सड़कों और गलियों पर होने वाले इस प्रकार के अतिक्रमणों को रोकने की कोशिश की जा सकती है।
Sunday, 3 June 2012
Social and Economic boycott of Jehadis is a must.
Social and Economic boycott of Jehadis is a must.
Dear brothers and sisters. There is great power in boycott. Stop giving business to Jehadis. Boycott them, like in Gujarat.
Avoid Jehadi rickshaw, shops and services.
Dear brothers and sisters. There is great power in boycott. Stop giving business to Jehadis. Boycott them, like in Gujarat.
Avoid Jehadi rickshaw, shops and services.
गुजरात दंगा और नरेन्द्र मोदी के नाम पर छाती कूट-कूट विधवा विलाप करने वाले मनहूस सेकुलरों जवाब दो..... किसने करवाया ये दंगा.... कितने दंगाईयों के खिलाफ़ कार्यवाही हुई????????? धिक्कार है तुम्हारे मानव जीवन को, जिसमे इंसानियत नाम की कोई चीज नही..... धिक्कार है उन लोगों को जो इतना सब होने पर भी शांति का पाठ पढ़ाते हैं..... ईश्वर करें ऐसे लोगों का परिवार भी ऐसे ही आतंकियों का शिकार बने, तब हम भी इन्हें शांति का पाठ पढ़ायेंगे....
मथुरा के पास कोसी में हिन्दू-मुस्लिम दंगे भड़क चुके हैं और बहुत ही सुनियोजित तरीके से कल दोपहर की नमाज के बाद विधर्मियों ने सनातनियों पर हमला कर दिया..........
इस हमले में 55-60 हिंदुओं को मार दिया गया, उनके घरों और दुकानों को जला दिया गया..........जबकि विधर्मियों में से किसी के भी हताहत होने की कोई भी खबर नहीं है.........
आगे क्या होगा ये तो श्री राम ही जानें.............
लेकिन फिलहाल कोसी में कर्फ़्यू लगा हुआ है.....
मथुरा के पास कोसी में हिन्दू-मुस्लिम दंगे भड़क चुके हैं और बहुत ही सुनियोजित तरीके से कल दोपहर की नमाज के बाद विधर्मियों ने सनातनियों पर हमला कर दिया..........
इस हमले में 55-60 हिंदुओं को मार दिया गया, उनके घरों और दुकानों को जला दिया गया..........जबकि विधर्मियों में से किसी के भी हताहत होने की कोई भी खबर नहीं है.........
आगे क्या होगा ये तो श्री राम ही जानें.............
लेकिन फिलहाल कोसी में कर्फ़्यू लगा हुआ है.....
Saturday, 2 June 2012
आखिर क्यों??????????????????????
ये बोल वचन हैं पूर्व ब.स.पा. विधायक व वर्तमान आई.एम.सी.(इत्तेहाद-ए-मिल्लत कौंसिल) विधायक शाहजिल इस्लाम के !
यही लोग आतंकवाद के समर्थक हैं!
क्या यह इस्लामिक आतंकवाद नहीं है?????
जब केवल हिन्दुत्व की बात करने भर से बी.जे.पी. सांसद वरुन गाँधी के ऊपर तमाम गंभीर धाराओं के साथ ही गैंगस्टर की कार्यवाही तक की गई, और शाहजिल इस्लाम के ऊपर अब तक कोई भी कार्यवाही नहीं!!!!!!!!!!
आखिर क्यों??????????????????????
और कब तक????????
यही लोग आतंकवाद के समर्थक हैं!
क्या यह इस्लामिक आतंकवाद नहीं है?????
जब केवल हिन्दुत्व की बात करने भर से बी.जे.पी. सांसद वरुन गाँधी के ऊपर तमाम गंभीर धाराओं के साथ ही गैंगस्टर की कार्यवाही तक की गई, और शाहजिल इस्लाम के ऊपर अब तक कोई भी कार्यवाही नहीं!!!!!!!!!!
आखिर क्यों??????????????????????
और कब तक????????
वाह रे बिहार में सुशासन...
वाह रे बिहार में सुशासन...!
आज रणबीर सेना के प्रमुख ....ब्रह्मेश्वर मुखिया..... की दिन दहाड़े हत्या कर दी गयी...
उस नेता की ....जिसने बिहार में लालू और उसके भ्रष्ट गुंडों के राज में भी नक्सलियों की बढ़त को पूरे पंद्रह ...बीस वर्ष रोके रखा
जो लालू के राज में नहीं मारे गए वह नीतिश की ....अहिंसा, विकास, सुशासन की पोलिटिक्स... की भेंट चढ़ गए
बिहार एक बहुत बड़े देशद्रोही ....षड्यंत्रकारी ...मुख्यमंत्री की चालों में फंस गया है...
इस व्यक्ति को पहचानना ही होगा ...जिसका नाम है... नीतिश ...!!
बुद्ध के धर्म के प्रचार प्रसार के नाम पर चीन से आ रही अथाह थैलियाँ और नक्सलियों के लिए हथियार ... बिहार को ले डूबेगा
इस मुख्यमंत्री का विकास का ढोंग .... एक छलावा है...
रोज बिहार में नक्सली हथियार ढो रहे हैं... पुलिस चुपचाप आँख मूंद के पीठ घुमा लेती है...
या मीडिया इसको छिपा लेती है
पूरा बिहार नक्सलियों के लिए ग्रीन बेल्ट बनता जा रहा है ...
नीतिश की सरकार एक तरफ विकास का इतना बड़ा ढोंग कर रही है कि उसे मानसिक डर लगता रहता है .....
अगर कभी पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ के समाचार राज्य से बाहर मीडिया में आ गए ..
तो इससे ...सुशासन... की पोल खुलेगी ...
इसलिए पुलिस चुपचाप नक्सलियों को उनका काम करने दे रही है...
और नक्सली इस संधि विराम का लाभ उठा के गाँव गाँव में फ़ैल रहे हैं...
अगर यह नितीश कुमार की सरकार केवल दो-चार वर्ष और रही...
तो कल चीन ....झारखण्ड, उड़ीसा छोटानागपुर के पठार और बिहार को निगल जायेगा...
उसे इस क्षेत्र की अथाह खनिज सम्पदा चाहिए ...उसे ओड़िसा का समुद्र तट चाहिए...
जो उसे मिल गया तो बाकी देश में रखा ही क्या है...
कोयला, लोहा, ताम्बा, मैंगनीज, अभ्रक, यूरेनियम ... क्या नहीं है...यहाँ
इस देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है...यह पठार..!!
इस देशद्रोही नेता की सरकार को भाजपा के समर्थन से ऑक्सीजन मिली हुयी है और इसने पुलिस के हाथ पाँव बाँध रखे हैं...!!
अगर भाजपा इस नीतिश को समर्थन जारी रखती है...तो वह भी देश द्रोही है... चीन के नक्सलवाद की अपरोक्ष समर्थक है...!!
रणबीर सेना ने केवल बिहार में उन जगहों पर नरसंहार का बदला नरसंहार से लिया जहाँ नक्सलियों ने निर्दोषों को मारा था...
नक्सली दस निर्दोषों को मारते थे... ये सौ मारते थे
नक्सली सवर्णों को मार रहे थे ...लालू मरवा रहे थे ....केवल इस नाम पर कि वे जमींदार हैं...
जबकि अब बिहार में पुश्तैनी खेत बंटते बंटते एक बच्चे के हिस्से में डेढ़ दो बीघे बचे हैं...
डेढ़ बीघे के जमींदार ..!!!
इस दौर में नक्सलवाद के चलते अनेक सवर्ण जाति के जवानों,बूढों, बच्चों ...औरतों की हत्या हुई... जो नक्सलियों के आतंकवाद की बलि चढ़ गए...
इसके जवाब में रणबीर सेना बनी ...
लालू राज में पुलिस पर जनता का विश्वास नहीं था... रणबीर सेना ने जवाबी नरसंहार केवल उन गाँव में किये जहाँ नक्सलियों का गढ़ था...
नतीजा सामने है...
शक्ति संतुलन बनाये रखने और नक्सलियों की बढ़त को रोके रखने में इस रणबीर सेना ने बड़ी सफलता पाई..
बिहार के अनेक जिलों से नक्सली ....साफ ...कर दिए
लेकिन नक्सलियों के समर्थक ...कम्युनिस्ट नक्सली मीडिया टी वी चैनलों ने .... उनको एक दुष्टों की सेना के रूप के रूप में प्रचारित किये रखा...
जो आज भी करते हैं..और रणबीर सेना की सफलता को दूसरे एंगल से गाली देते रहते हैं..!!
अब जरा इस प्रदर्शन करने वालों को देखिये... इस देश के गद्दार ये कम्युनिष्ट बथानी टोला नरसंहार के आरोपी रणबीर सेना के लोगों को कोर्ट से बरी किये जाने पर अपनी बेशर्मी दिखा रहे हैं..
चीन के इन एजेंटों .... गद्दारों से पूछो ... बथानी टोला नरसंहार को तो याद रखते हो... देश के उन जिलों में जाकर नक्सलियों के विरुद्ध अभियान क्यों नहीं चलते जहाँ नक्सली पूरे प्रशासन को ठेंगे पर रखते हैं...!!
आज उस बूढ़े... मुखिया ....को सम्मान देने के लिए पूरा बिहार उबल पड़ा है...
यह चीन के विरुद्ध एक आक्रोश है...नक्सलवाद के विरुद्ध एक आग है...जो उस अमर वीर की हत्या से धधक पड़ी है...
चीन के हथियारों के बल पर नक्सलियों की हिंसा से डरकर इस देश के बहुत से राज्यों के अनेक जिलों के लोगों ने चुपचाप इनका समर्थन करना शुरू कर दिया है...
मगर भोजपुरी बेल्ट के कुछ गांवों के ब्राह्मणों, राजपूतों और भूमिहारों के युवकों ने अपने घरों के लाइसेंसी हथियारों के बल पर इसी .... मुखिया जी .... के आह्वान पर जवाबी हिंसा करनी शुरू की थी...
ये युवक नक्सलियों के मुखबिरों, समर्थकों का पता लगाते थे और सामूहिक हमले करते थे...
आश्चर्य की बात यह है कि जब चीन प्रायोजित इस छद्म युद्ध से भारत नहीं लड़ता ...
जब बिहार की सरकार को सरकारी लूट खसोट से फुर्सत ही नहीं....
तब उस देश के विरुद्ध केवल कुछ गाँवों का एक बूढ़ा सा ...मुखिया... ऊठ खड़ा होता है...
और उस चाणक्य की सेना के आगे चीन घुटने टेक देता है...
जब किसी व्यक्ति को ....सिस्टम ...से न्याय नहीं मिलता तो वह ऐसे कदम उठाता है...
वो मंगल पाण्डेय बन जाता है या पान सिंह तोमर ...
अगर रणबीर सेना के उन युवकों का आक्रोश गलत था जिनके माँ बाप को केवल इस बात के लिए नक्सलियों ने मार डाला चूँकि वे ब्राह्मण थे या भूमिहार या राजपूत जाति में पैदा हुए थे...
तो न्याय की परिभाषा पर लम्बी बहस छिड़ेगी.
उस बहस का नतीजा जो भी निकले
लेकिन न्याय मिलने में देरी से ऐसे आक्रोश समाज में उठेंगे ही...
ऐसी सेनाएं बनेंगी ही.....!!
एक दिन ऐसा आ सकता है कि हमें भी हथियार उठाने होंगे मगर वे देश रक्षा के लिए
उठें तो ठीक है
नक्सलियों और जेहादियों के विरुद्ध युद्ध के लिए उठें तो ठीक है
ये हथियार हिन्दुओं की ही पिछड़ी और दलित गरीब जातियों के विरुद्ध कभी नहीं उठने चाहिए
जातिवाद की राजनीति करने वाले कुछ नेताओं के बहकावे मैं आकर हिन्दू समाज में नक्सली जहर घोल रहे हैं ....गांवों में हिन्दुओं के आपसी संबंधों में आग लगवा रहे हैं...!!chief
आज रणबीर सेना के प्रमुख ....ब्रह्मेश्वर मुखिया..... की दिन दहाड़े हत्या कर दी गयी...
उस नेता की ....जिसने बिहार में लालू और उसके भ्रष्ट गुंडों के राज में भी नक्सलियों की बढ़त को पूरे पंद्रह ...बीस वर्ष रोके रखा
जो लालू के राज में नहीं मारे गए वह नीतिश की ....अहिंसा, विकास, सुशासन की पोलिटिक्स... की भेंट चढ़ गए
बिहार एक बहुत बड़े देशद्रोही ....षड्यंत्रकारी ...मुख्यमंत्री की चालों में फंस गया है...
इस व्यक्ति को पहचानना ही होगा ...जिसका नाम है... नीतिश ...!!
बुद्ध के धर्म के प्रचार प्रसार के नाम पर चीन से आ रही अथाह थैलियाँ और नक्सलियों के लिए हथियार ... बिहार को ले डूबेगा
इस मुख्यमंत्री का विकास का ढोंग .... एक छलावा है...
रोज बिहार में नक्सली हथियार ढो रहे हैं... पुलिस चुपचाप आँख मूंद के पीठ घुमा लेती है...
या मीडिया इसको छिपा लेती है
पूरा बिहार नक्सलियों के लिए ग्रीन बेल्ट बनता जा रहा है ...
नीतिश की सरकार एक तरफ विकास का इतना बड़ा ढोंग कर रही है कि उसे मानसिक डर लगता रहता है .....
अगर कभी पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ के समाचार राज्य से बाहर मीडिया में आ गए ..
तो इससे ...सुशासन... की पोल खुलेगी ...
इसलिए पुलिस चुपचाप नक्सलियों को उनका काम करने दे रही है...
और नक्सली इस संधि विराम का लाभ उठा के गाँव गाँव में फ़ैल रहे हैं...
अगर यह नितीश कुमार की सरकार केवल दो-चार वर्ष और रही...
तो कल चीन ....झारखण्ड, उड़ीसा छोटानागपुर के पठार और बिहार को निगल जायेगा...
उसे इस क्षेत्र की अथाह खनिज सम्पदा चाहिए ...उसे ओड़िसा का समुद्र तट चाहिए...
जो उसे मिल गया तो बाकी देश में रखा ही क्या है...
कोयला, लोहा, ताम्बा, मैंगनीज, अभ्रक, यूरेनियम ... क्या नहीं है...यहाँ
इस देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है...यह पठार..!!
इस देशद्रोही नेता की सरकार को भाजपा के समर्थन से ऑक्सीजन मिली हुयी है और इसने पुलिस के हाथ पाँव बाँध रखे हैं...!!
अगर भाजपा इस नीतिश को समर्थन जारी रखती है...तो वह भी देश द्रोही है... चीन के नक्सलवाद की अपरोक्ष समर्थक है...!!
रणबीर सेना ने केवल बिहार में उन जगहों पर नरसंहार का बदला नरसंहार से लिया जहाँ नक्सलियों ने निर्दोषों को मारा था...
नक्सली दस निर्दोषों को मारते थे... ये सौ मारते थे
नक्सली सवर्णों को मार रहे थे ...लालू मरवा रहे थे ....केवल इस नाम पर कि वे जमींदार हैं...
जबकि अब बिहार में पुश्तैनी खेत बंटते बंटते एक बच्चे के हिस्से में डेढ़ दो बीघे बचे हैं...
डेढ़ बीघे के जमींदार ..!!!
इस दौर में नक्सलवाद के चलते अनेक सवर्ण जाति के जवानों,बूढों, बच्चों ...औरतों की हत्या हुई... जो नक्सलियों के आतंकवाद की बलि चढ़ गए...
इसके जवाब में रणबीर सेना बनी ...
लालू राज में पुलिस पर जनता का विश्वास नहीं था... रणबीर सेना ने जवाबी नरसंहार केवल उन गाँव में किये जहाँ नक्सलियों का गढ़ था...
नतीजा सामने है...
शक्ति संतुलन बनाये रखने और नक्सलियों की बढ़त को रोके रखने में इस रणबीर सेना ने बड़ी सफलता पाई..
बिहार के अनेक जिलों से नक्सली ....साफ ...कर दिए
लेकिन नक्सलियों के समर्थक ...कम्युनिस्ट नक्सली मीडिया टी वी चैनलों ने .... उनको एक दुष्टों की सेना के रूप के रूप में प्रचारित किये रखा...
जो आज भी करते हैं..और रणबीर सेना की सफलता को दूसरे एंगल से गाली देते रहते हैं..!!
अब जरा इस प्रदर्शन करने वालों को देखिये... इस देश के गद्दार ये कम्युनिष्ट बथानी टोला नरसंहार के आरोपी रणबीर सेना के लोगों को कोर्ट से बरी किये जाने पर अपनी बेशर्मी दिखा रहे हैं..
चीन के इन एजेंटों .... गद्दारों से पूछो ... बथानी टोला नरसंहार को तो याद रखते हो... देश के उन जिलों में जाकर नक्सलियों के विरुद्ध अभियान क्यों नहीं चलते जहाँ नक्सली पूरे प्रशासन को ठेंगे पर रखते हैं...!!
आज उस बूढ़े... मुखिया ....को सम्मान देने के लिए पूरा बिहार उबल पड़ा है...
यह चीन के विरुद्ध एक आक्रोश है...नक्सलवाद के विरुद्ध एक आग है...जो उस अमर वीर की हत्या से धधक पड़ी है...
चीन के हथियारों के बल पर नक्सलियों की हिंसा से डरकर इस देश के बहुत से राज्यों के अनेक जिलों के लोगों ने चुपचाप इनका समर्थन करना शुरू कर दिया है...
मगर भोजपुरी बेल्ट के कुछ गांवों के ब्राह्मणों, राजपूतों और भूमिहारों के युवकों ने अपने घरों के लाइसेंसी हथियारों के बल पर इसी .... मुखिया जी .... के आह्वान पर जवाबी हिंसा करनी शुरू की थी...
ये युवक नक्सलियों के मुखबिरों, समर्थकों का पता लगाते थे और सामूहिक हमले करते थे...
आश्चर्य की बात यह है कि जब चीन प्रायोजित इस छद्म युद्ध से भारत नहीं लड़ता ...
जब बिहार की सरकार को सरकारी लूट खसोट से फुर्सत ही नहीं....
तब उस देश के विरुद्ध केवल कुछ गाँवों का एक बूढ़ा सा ...मुखिया... ऊठ खड़ा होता है...
और उस चाणक्य की सेना के आगे चीन घुटने टेक देता है...
जब किसी व्यक्ति को ....सिस्टम ...से न्याय नहीं मिलता तो वह ऐसे कदम उठाता है...
वो मंगल पाण्डेय बन जाता है या पान सिंह तोमर ...
अगर रणबीर सेना के उन युवकों का आक्रोश गलत था जिनके माँ बाप को केवल इस बात के लिए नक्सलियों ने मार डाला चूँकि वे ब्राह्मण थे या भूमिहार या राजपूत जाति में पैदा हुए थे...
तो न्याय की परिभाषा पर लम्बी बहस छिड़ेगी.
उस बहस का नतीजा जो भी निकले
लेकिन न्याय मिलने में देरी से ऐसे आक्रोश समाज में उठेंगे ही...
ऐसी सेनाएं बनेंगी ही.....!!
एक दिन ऐसा आ सकता है कि हमें भी हथियार उठाने होंगे मगर वे देश रक्षा के लिए
उठें तो ठीक है
नक्सलियों और जेहादियों के विरुद्ध युद्ध के लिए उठें तो ठीक है
ये हथियार हिन्दुओं की ही पिछड़ी और दलित गरीब जातियों के विरुद्ध कभी नहीं उठने चाहिए
जातिवाद की राजनीति करने वाले कुछ नेताओं के बहकावे मैं आकर हिन्दू समाज में नक्सली जहर घोल रहे हैं ....गांवों में हिन्दुओं के आपसी संबंधों में आग लगवा रहे हैं...!!chief
"भारतीय संस्कृति अपनाओ देश बचाओ"
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कान्वेंट स्कूल का सच::
क्या आप भी अपने बच्चो को गटर (CONVENT ) में भेजते है ? ? ?
करीब २५०० सालो से यूरोप में बच्चे पालने की परंपरा नही थी बचा पैदा होते ही उसे टोकरी में रख कर लावारिस छोड़ दिया जाता था अगर किसी चर्च की ब्यक्ति की नजर पड़े तोह वो बच जाता था नही तोह उसे जानवर खा जाते थे |
कोन्वेंट का सच :
जिस यूरोप को हम आधुनिक व खुले विचारो वाला मानते हैं, आज से ५०० वर्ष पहले वहाँ सामान्य व्यक्ति 'मैरेज' भी नहीं कर सकता था क्योंकि उनके बहुत बड़े 'दार्शनिक' अरस्तू का मानना था की आम जनता मैरेज करेगी तो उनका परिवार होगा, परिवार होगा तो उनका समाज होगा, समाज होगा तो समाज शक्तिशाली बनेगा,
शक्ति शाली हो गया तो राजपरिवार के लिए खतरा बन जाएगा । इसलिए आम जनता को मैरेज न करने दिया जाय । बिना मैरेज के जो बच्चे पैदा खोते थे, उन्हें पता न चले की कौन उनके माँ-बाप हैं, इसलिए उन्हें एक सांप्रदायिक संस्था में रखा जाता था, जिसे वे कोन्वेंट कहते थे उस संस्था के प्रमुख को ही माँ बाप समझे इसलिए उन्हें फादर, मदर, सिस्टर कहा जाने लगा ।
यूरोप के दार्शनिक रूसो के अनुसार बच्चे पति पत्नी के शारीरिक आनंद में बाधक है इसलिए इनको रखना अच्छा नही है किउंकि शारीरिक आनंद ही सबकुछ होता है | और एक दशानिक प्लेटो के अनु सर हर मनुष्य के जीबन का आखरी उद्येश्य है शारीरिक आनंद की प्राप्ति और बच्चे अगर उसमे रुकावट है तोह उसको रखना नही छोड़ देना है |
ऐसे ही दूसरे दार्शनिक जैसे दिकारते , लेबेनित्ज़ , अरस्तु सबने अपनी बच्चो को लावारिस छोड़ा था |
ऐसे छोड़े हुए बच्चो को रखने के लिए यूरोप के राजाओ ने या सरकारों ने कुछ संस्थाए खड़ी किया जिनको CONVENT कहा जाता है | CONVENT का माने लावारिस बच्चो का स्कूल | CONVENT में पड़ने वाले बच्चो को माँ बाप का अहसास कराने के लिए उहाँ पर पड़ने वाले जो अध्याप्पक होते है उनको मादर फादर, ब्रादर और सिस्टर कहते है |
कान्वेंट स्कूल का सच::
क्या आप भी अपने बच्चो को गटर (CONVENT ) में भेजते है ? ? ?
करीब २५०० सालो से यूरोप में बच्चे पालने की परंपरा नही थी बचा पैदा होते ही उसे टोकरी में रख कर लावारिस छोड़ दिया जाता था अगर किसी चर्च की ब्यक्ति की नजर पड़े तोह वो बच जाता था नही तोह उसे जानवर खा जाते थे |
कोन्वेंट का सच :
जिस यूरोप को हम आधुनिक व खुले विचारो वाला मानते हैं, आज से ५०० वर्ष पहले वहाँ सामान्य व्यक्ति 'मैरेज' भी नहीं कर सकता था क्योंकि उनके बहुत बड़े 'दार्शनिक' अरस्तू का मानना था की आम जनता मैरेज करेगी तो उनका परिवार होगा, परिवार होगा तो उनका समाज होगा, समाज होगा तो समाज शक्तिशाली बनेगा,
शक्ति शाली हो गया तो राजपरिवार के लिए खतरा बन जाएगा । इसलिए आम जनता को मैरेज न करने दिया जाय । बिना मैरेज के जो बच्चे पैदा खोते थे, उन्हें पता न चले की कौन उनके माँ-बाप हैं, इसलिए उन्हें एक सांप्रदायिक संस्था में रखा जाता था, जिसे वे कोन्वेंट कहते थे उस संस्था के प्रमुख को ही माँ बाप समझे इसलिए उन्हें फादर, मदर, सिस्टर कहा जाने लगा ।
यूरोप के दार्शनिक रूसो के अनुसार बच्चे पति पत्नी के शारीरिक आनंद में बाधक है इसलिए इनको रखना अच्छा नही है किउंकि शारीरिक आनंद ही सबकुछ होता है | और एक दशानिक प्लेटो के अनु सर हर मनुष्य के जीबन का आखरी उद्येश्य है शारीरिक आनंद की प्राप्ति और बच्चे अगर उसमे रुकावट है तोह उसको रखना नही छोड़ देना है |
ऐसे ही दूसरे दार्शनिक जैसे दिकारते , लेबेनित्ज़ , अरस्तु सबने अपनी बच्चो को लावारिस छोड़ा था |
ऐसे छोड़े हुए बच्चो को रखने के लिए यूरोप के राजाओ ने या सरकारों ने कुछ संस्थाए खड़ी किया जिनको CONVENT कहा जाता है | CONVENT का माने लावारिस बच्चो का स्कूल | CONVENT में पड़ने वाले बच्चो को माँ बाप का अहसास कराने के लिए उहाँ पर पड़ने वाले जो अध्याप्पक होते है उनको मादर फादर, ब्रादर और सिस्टर कहते है |
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